कृष्ण-सुदामा मिलन की कथा सुन भावविभोर हुए श्रद्धालु

in #gorakhpur2 years ago

गोरखपुर,,सहजनवां

आज हवन और भण्डारे के साथ होगी पूर्णाहुति।
सहजनवां, क्षेत्र के भरसाड़ गांव में चल रही सामूहिक श्रीमद्भागवत कथा में कथावाचक आचार्य धनेश जी मिश्र ने कहा कि सुदामा से परमात्मा ने मित्रता का धर्म निभाया। राजा के मित्र राजा होते हैं रंक नहीं। पर परमात्मा ने कहा कि मेरे भक्त जिसके पास प्रेम धन है वह निर्धन नहीं हो सकता। कृष्ण और सुदामा दो मित्र का मिलन ही नहीं जीव व ईश्वर तथा भक्त और भगवान का मिलन था। जिसे देखने वाले अचंभित रह गए थे।
उन्होंने कहा कि कृष्ण व सुदामा जैसी मित्रता आज कहां है। यही कारण है कि आज भी सच्ची मित्रता के लिए कृष्ण-सुदामा की मित्रता का उदाहरण दिया जाता है। सुदामा नाम सुनते ही द्वारिकाधीश नंगे पांव मित्र की अगवानी करने पहुंच गए। लोग समझ नहीं पाए कि आखिर सुदामा में क्या खासियत है कि भगवान खुद ही उनके स्वागत में दौड़ पड़े। श्रीकृष्ण ने स्वयं सिंहासन पर बैठाकर सुदामा के पांव पखारे। कृष्ण-सुदामा चरित्र प्रसंग पर पाण्डाल में बैठे हजारों श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे।

कथा आयोजक पंडित हनुमान मिश्रा ने बताया कि आज हवन और भण्डारे के साथ कथा की पूर्णाहुति होगी।
इस दौरान मुख्य यजमान अंकित उपाध्याय, आचार्य हिमांशु, मनोज सहित हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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