गेट पर स्पेशल गार्ड का पहरा, ऊपर से निगरानी... महाठग सुकेश चंद्रशेखर

in #delhi2 years ago

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कुछ अपराधी या आरोपी जेल में बंद हों, तो भी उनकी सुरक्षा में प्रशासन को भारी भरकम खर्च करना पड़ता है। सिस्टम ही कुछ ऐसा है। कुछ केस में तो जेल प्रशासन को 'तू डाल डाल, मैं पात पात' वाली स्टाइल में अपराधी के मंसूबे को नाकाम करना होता है। ठग सुकेश चंद्रशेखर के बारे में तो आपने पढ़ा ही होगा। वही सुकेश जिसकी जैकलीन फर्नांडीज के साथ तस्वीर वायरल हुई थी। 12वीं तक पढ़ाई करने वाला यह महाठग अभी तिहाड़ जेल में बंद है। अमीरों को टारगेट करने, अभिनेत्रियों से नजदीकी बढ़ाने, बेशकीमती कारों का शौक, ढेरों गर्लफ्रेंड ऐसे किस्सों से गूगल भरा पड़ा है। वह शातिर भी इतना है कि जेल में हमले या जान का खतरा बताकर वह ट्रासंफर कराने के लिए जेल पहुंच गया। ऐसे में तिहाड़ जेल अधिकारियों ने चंद्रशेखर को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए कई नए उपाय किए हैं, जिससे वह जान के खतरे का ड्रामा न कर सके।

तमिलनाडु स्पेशल पुलिस (TSP) फोर्स का एक कॉन्स्टेबल हर समय तिहाड़ के जेल नंबर-1 पर एक सेल के बाहर खड़ा रहता है। वह जेल की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था का हिस्सा नहीं है और न ही वह यहां के किसी अधिकारी को रिपोर्ट करता है। बॉडी कैमरे से लैस वह सुरक्षाकर्मी केवल एक कैदी के लिए तैनात है। कैदी की सुरक्षा के लिए दो सुरक्षा कैमरों से भी लगातार 24 घंटे निगरानी की जाती है। इस कॉन्स्टेबल का जॉब केवल एक है, हर हाल में यह सुनिश्चित करना कि कथित महाठग सुरेश चंद्रशेखर सुरक्षित रहे।

दरअसल, 33 साल के सुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर तिहाड़ से किसी दूसरे जेल में स्थानांतरित करने की अपील की थी। उसने यहां अपनी जान को खतरा बताया था। केंद्र सरकार, ईडी और जेल प्रशासन ने उसकी याचिका का विरोध किया। सुप्रीम कोर्ट 30 जून को मामले की सुनवाई करने वाला है।

सच्चाई यह है कि जेल में चंद्रशेखर जब अपने वकील से बात करने या फोन पर बात करने के लिए सेल से बाहर निकलता है तो उसे सुरक्षा देने वाले सशस्त्र गार्ड घेरे रहते हैं। इतना ही नहीं, केबिन में बैठकर जेल अधिकारियों की एक स्पेशल टीम सीसीटीवी कैमरों के जरिए उसके हर मूवमेंट पर नजर बनाए रखती है। सुकेश की चाल को नाकाम करने के लिए हर रोज जेल के डॉक्टर उसका ब्लड प्रेशर और दूसरी जांच करते हैं, जिससे कोर्ट के सामने पेश होने पर उसके प्रतिदिन की स्वास्थ्य रिपोर्ट सौंपी जा सके।

यह सामान्य प्रक्रिया से अलग है कि एक कैदी के लिए उसके या उसकी सेल के बाहर एक स्पेशल गार्ड तैनात हो। तिहाड़ में सीमा से अधिक कैदी हैं। यहां 10,026 कैदियों की स्वीकृत सीमा है लेकिन करीब 20 हजार कैदी रहते हैं, पर स्टाफ केवल 2,300 है। इस तरह से देखें तो हर आठ कैदी पर एक वर्कर होता है। महत्वपूर्ण बात यह है कि सभी 2,300 जेल के गार्ड नहीं हैं, इसमें अस्पताल का स्टाफ, अधिकारी, क्लर्क और डेस्क ऑफिसर भी शामिल हैं।

जेल के सीनियर अधिकारियों ने नाम गोपनीय रखने की शर्त पर 'हिंदुस्तान टाइम्स' को बताया कथित ठग की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता में शीर्ष पर है। सुकेश ने आरोप लगाया है कि जेल गार्ड ने उसे पीटा लेकिन जेल अधिकारियों ने इससे साफ इनकार किया है। जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने पिछले हफ्ते एक हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया था कि चंद्रशेखर के जान को यहां कोई खतरा नहीं है। प्रिजन चीफ ने कहा कि चंद्रशेखर तिहाड़ से ट्रांसफर कराकर अपना गैरकानूनी काम फिर से शुरू करना चाहता है, जो वह यहां नहीं कर पा रहा है।

उधर, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि अगर कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर और उसकी पत्नी को तिहाड़ जेल से बाहर स्थानांतरित किया भी जाना है तो उन्हें मंडोली जेल में रखा जाना चाहिए। केंद्र ने तर्क दिया कि मंडोली की सुरक्षा का जिम्मा अर्द्धसैनिक बलों के हाथ में है। कोर्ट ने कहा है कि जेल में बंद व्यक्ति यह तय नहीं कर सकता कि उसे किस जेल में रखा जाए।

सुकेश चंद्रशेखर किस दर्जे का ठग है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वह करीब तीन दर्जन मामलों में आरोपी है। उनमें से एक मामला सुप्रीम कोर्ट का जज बनकर निचली अदालत के एक न्यायाधीश को अपने पक्ष में आदेश पारित करने के लिए फोन करने का भी है।
जेल के एक अधिकारी ने कहा, 'इस केस में सह-आरोपी कुछ लोग बहुत प्रभावशाली और पूर्व जेल अधिकारी हैं, जिन्होंने कई वर्षों तक जेल का संचालन किया। गिरफ्तारी से पहले तक वे जेलर थे। उनकी गिरफ्तारी से न केवल उनका करियर छोटा गया बल्कि वे भी आपराधिक आरोपों का सामना कर रहे हैं और उसी जेल परिसर में बंद हैं। ये जेल के पूर्व सीनियर अधिकारी अब कैदी हैं। सुकेश चंद्रशेखर मुख्य आरोपी है और केस में सबसे महत्वपूर्ण गवाह भी है।'

कम से कम दो पूर्व अधीक्षक, दो उपाधीक्षक, कई सहायक अधीक्षकों को इस मामले में गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस अब भी कई अन्य जेल कर्मचारियों की भूमिका खंगाल रही है, जिन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। आरोप है कि जेल के भीतर चंद्रशेखर की मदद करने के लिए कई निलंबित जेल अधिकारियों को हर महीने 50 लाख की रिश्वत दी जाती थी। सुकेश पर वरिष्ठ सरकारी अधिकारी बनकर उद्योगपति शिवेंद्र मोहन की पत्नी से 200 करोड़ की रंगदारी मांगने का प्रयास भी शामिल है। सुकेश ने स्पूफ कर मोहन की पत्नी अदिति को फोन किया था और जेल में बंद पति को जमानत दिलाने का ऑफर दिया था। जेल के हाल के इतिहास में यह पहला मामला है जब इतने ज्यादा वरिष्ठ जेल अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया और अब वे जेल में बंद हैं।

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