बलात्कारी को आजीवन कारावास की सज़ा

in #life2 years ago

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खबर यूपी के प्रतापगढ़ ज़िले से है जहां पॉस्को अदालत ने फिर बनाया नया रिकॉर्ड, दस दिनों के ट्रायल में बलात्कारी को आजीवन कारावास टिल द डेथ की सजा। माह भर पहले बीस दिनों में अदालत ने सुनाया था आजीवन कारावास अंतिम सांस तक, लापरवाही के चलते विवेचक के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही कर दो माह के भीतर अदालत को अवगत कराने का डीजीपी को आदेश।

उत्तर प्रदेश में सजा देने में पॉस्को अदालत बनी नम्बर वन। पॉस्को अदालत लगातार बना रही है नए कीर्तिमान, महज दस दिनों में दुष्कर्म के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा। विशेष न्यायाधीश पॉस्को पंकज कुमार श्रीवास्तव की कोर्ट ने दस दिन में सुनाया फैसला। माह भर पहले महज 20 दिन में दुष्कर्म के आरोपी को सुनाई गई थी आजीवन कारावास अंतिम सांस तक की सजा, ताजा मामले में विशेष अभियोजक देवेश चन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि 12 अगस्त 22 की शाम को नगर कोतवाली इलाके में एक 6 वर्ष की नाबालिग बच्ची अपनी माँ और दो छोटे भाई बहनों के साथ ननिहाल निमंत्रण में शामिल होने आई थी, आरोपी भूपेंद्र सिंह जो प्रयागराज के मऊआइमा के किरावां गांव का रहने वाला था नाबालिग जो छोटी बहन पांच वर्षीय व एक छोटे भाई के साथ खेत की तरफ से जा रही थी कि तभी आरोपी ने छः साल की मासूम को उठा कर खेत मे ले गया और दुष्कर्म का शिकार बना डाला, इस बात की सूचना छोटी बहन व भाई घर भाग कर परिजनों को बताए जिसके बाद घरवाले मासूम के साथ खेत पर पहुच गए जहा खून से लथपथ मासूम व आरोपी को रंगे हाथ पकड़ कर पुलिस के हवाले कर दिया और प्रार्थनापत्र सौप कर मुकदमा दर्ज करने की मांग की जिसके बाद आधी रात के बाद नगर कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच में जुट गई, इस मामले में बीती 11 तारीख को आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया और लगातार जिरह गवाहों के बयान चलते रहे इन दस दिनों में दो बचाव पक्ष के गवाहों समेत कुल दस गवाहों ने गवाही दी। गवाहों व जिरह के बाद अदालत ने आरोपी को कठोर दंड दिया जिसमें आजीवन कारावास टिल द डेथ के साथ विभिन्न धाराओं में अलग अलग कुल बीस हजार का अर्थदंड भी अदालत ने लगाया है। आरोपी भूपेंद्र सिंह जिसकी उम्र 24 वर्ष है के बचाव के लिए उसकी माँ ने नाबालिग साबित करने के लिए कूटरचित स्कूली दस्तावेज भी प्रस्तुत किये ताकि मामला किशोर न्यायालय को हस्तांतरित हो जाये लेकिन प्रयागराज के शिक्षा विभाग स्वास्थ्य विभाग समेत तीन गवाहों को एक ही दिन तलब किया तो स्कूल के हेडमास्टर बीएसए के प्रतिनिधि समेत तीनो गवाहों ने दस्तावेजों को फर्जी बताया और आरोपी के बचने के सारे रास्ते बंद हो गए। इस मामले में अदालत ने विवेचक द्वारा लापरवाही बरतने को लेकर नाराजगी जताते हुए उत्तर प्रदेश डीजीपी को आदेश दिया है कि विवेचक के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही कर दो माह के भीतर अदालत को अवगत कराएं, बता दें कि मामले की विवेचना नगर कोतवाल सत्येंद्र सिंह कर रहे थे।