रेड क्रास सोसायटी की वार्षिक प्रशिक्षण शिविर का हुआ शुभारंभ
गोण्डा। भारतीय रेड क्रास सोसायटी की श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज यूनिट, गोण्डा में प्राथमिक उपचार पर आधारित वार्षिक प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन डॉ० आलोक अग्रवाल, सदस्य प्रबन्ध समिति एवं प्रो० रवीन्द्र कुमार, प्राचार्य, श्री लाल बहादुर शास्त्री डिग्री कॉलेज गोण्डा द्वारा किया गया।
यह शिविर रेड क्रास प्रभारी डॉ० राजीव कुमार अग्रवाल के निर्देशन में चलेगा। इस प्रशिक्षण में उत्तीर्ण होने वालों को प्रमाणपत्र प्राप्त होगा।
डॉ० आलोक अग्रवाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि रेड क्रास को प्राथमिक चिकित्सा पर बल देना चाहिये जिससे होने वाली सड़क दुर्घटनाओं और अन्य प्रकार की दुर्घटनाओं से प्राथमिक उपचार करके पीड़ितों की जान बचायी जा सके। कोविड के दौरान उन्होंने प्रतिदिन लगभग 150-200 लोगों को फोन पर मानसिक रूप से हतोत्साहित लोगों को परामर्श दिया और कहा कि जो लोग मानसिक रूप से मजबूत रहे उनकी जान बच गयी और जो लोग मानसिक रूप से हतोत्साहित हो गये उनमें से अधिकांश लोगों की जान चली गयी। उन्होंने रेड क्रास इकाई द्वारा बनाये गये सेल्फी बूथ में अपनी सेल्फी भी ली और रक्त दान हेतु हस्ताक्षर अभियान में हिस्सा भी लिया।
प्राचार्य प्रो० रवीन्द्र कुमार ने अपना आशीर्वाद रेड क्रास के स्वयंसेवकों को प्रदान किया। और उन्होंने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि मानवीय संवेदना को उन्नत करना रेड क्रास का प्रमुख उद्देश्य है और उन्होंने आशा व्यक्त की कि कैम्प के अन्त में प्रतिभागी मानव मात्र की सेवा के लिए तत्पर होना सीख जाएंगे।
धन्यवाद ज्ञापन डॉ० (श्रीमती) ममता शुक्ला, असिस्टेण्ट प्रोफेसर मनोविज्ञान विभाग ने किया। संचालन रेड क्रास इकाई के प्रभारी डॉ० राजीव कुमार अग्रवाल ने किया।
ट्रेनर आशीष शर्मा ने प्राथमिक चिकित्सा क्यों आवश्यक है? इस पर प्रकाश डालते हुये कहा कि समाज में सभी व्यक्तियों को प्राथमिक चिकित्सा का प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहिये ताकि आकस्मिकताओं का सामना किया जा सके। उन्होंने गोल्डेन ऑवर की चर्चा करते हुये बताया कि दुर्घटना की स्थिति में पहले घण्टे का विशेष महत्व है, यदि दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति को उचित प्राथमिक उपचार मिल जाये और उसे समय पर अस्पताल पहुँचा दिया जाये तो उसके जीवन की रक्षा हो सकती है।
आज के प्रशिक्षण में रेड क्रास का गठन, सामान्य जीवन रक्षक तकनीकी, प्राथमिक उद्देश्य, प्राथमिक चिकित्सक व उनके गुण, प्राथमिक चिकित्सा व उसके सुनहरे नियम, आपातकालीन घटना से निपटने के उपाय, मनोवैज्ञानिक व मनोसामाजिक प्राथमिक चिकित्सा, रक्तदान का महत्व व आवश्यकता और मानव शरीर-संगठन आदि के बारे में बताया गया।
इस अवसर पर महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्य डॉ० वन्दना सारस्वत, डॉ० आर0बी0एस0 बघेल, डॉ० शिव शरण शुक्ल, डॉ० वी0सी-एच0एन0के0 श्रीनिवासा राव, डॉ० ममता शुक्ला, डॉ० रंजन शर्मा, श्री अमित कुमार वर्मा, पूर्व स्वयंसेवक पूनम, अभिजीत यश भारती और सौरभ कुरील उपस्थित थे।