बिना फिटनेस के दौड़ रहीं एंबुलेंस

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फर्रुखाबाद। जनपद में 64 एंबुलेंस बिना फिटनेस के सड़कों पर नीली बत्ती लगाकर फर्राटा भर रहीं हैं। एआरटीओ कार्यालय में 153 एंबुलेंस पंजीकृत हैं। सीएमओ के आदेश पर अभी तक स्वास्थ्य विभाग में 22 एंबुलेंस की फिटनेस की जांच हो सकी है।

जनपद में 153 एंबुलेंस एआरटीओ कार्यालय में पंजीकृत हैं। इसमें 89 एंबुलेंस की फिटनेस विभाग में कराई गई है। कई नर्सिंग होम संचालकों ने बिना मानक के एंबुलेंस बना ली हैं। एआरटीओ कार्यालय में वह वाहन एंबुलेंस के नाम पर दर्ज भी नहीं हैं।

ऐसे वाहनों में मरीजों को सवारियों की तरह बैठाकर एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में पहुंचाने के नाम पर मनमाने रुपये वसूले जा रहे हैं। इस पर लगाम लगाने के लिए सीएमओ ने एंबुलेंस की फिटनेस स्वास्थ्य विभाग में दर्ज कराने के आदेेश दिए थे, जिससे कि एंबुलेंस के मानक की जांच हो सके, लेकिन अभी तक मात्र 22 एंबुलेंस ने स्वास्थ्य विभाग में फिटनेस की जांच कराई है।
एआरटीओ कार्यालय में मानक न पूरे होने पर एंबुलेंस की फिटनेेस नहीं की जाती है। एंबुलेंस में एसी, अग्निशमन यंत्र, कंपनी निर्मित बॉडी होनी चाहिए, लेकिन जनपद में पचास से अधिक एंबुलेंस की बॉडी वाहन खरीदने के बाद बनवाई गई है।
स्वास्थ्य विभाग के मानक में एंबुलेंस में इंमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन (ईएमटी), ऑक्सीजन सिलिंडर के अलावा जरूरी दवाएं होनी चाहिए। मानक पूरे न होने से लोग एंबुलेंस का स्वास्थ्य विभाग में फिटनेस की जांच नहीं करवाते हैं।
अवैध रूप से चल रही एंबुलेंस के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। विभाग में पंजीकृत 64 एंबुलेंस ने अभी तक फिटनेस नहीं कराई है। उनको नोटिस देकर पंजीयन निरस्त करने की कार्रवाई की जाएगी।

  • बृजेंद्र चौधरी, एआरटीओ।