एटा में जून के महीने में बढ़ सकती हैं आटे व रोटी की कीमतें।

in #etah2 years ago

एटा से आर. बी.द्विवेदी की रिपोर्ट...

एटा में ही नही बल्कि आगे आने वाले जून के महीने में बढ़ सकती हैं आटे व रोटी की कीमतेंIMG-20220510-WA0021.jpg, इस साल जून के महीने में ब्रेड, बिस्किट और रोटी महंगी हो सकती है,दरअसल, फूड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) हर साल ओपन मार्केट सेल स्कीम (ओएमएसएस) के जरिए गेहूं की बिक्री करती है, लेकिन अभी तक सरकार ने इसे लेकर कोई निर्देश जारी नहीं किया है, ऐसे में व्यापारियों और विक्रेताओं को डर है कि सरकार इस साल ओएमएसएस के जरिए बिक्री नहीं करेगी तो गेंहू की कीमतें आसमान छू सकती हैं।

आपको बता दें कि जून-जुलाई में मानसून आने और स्कूल-कॉलेज दोबारा खुलने से गेहूं की मांग में तेजी आ जाती है, सरकार इस दौरान आपूर्ति को निर्बाध बनाए रखने के लिए ओएमएसएस के जरिए इसे विभिन्न कंपनियों, व्यापारियों को बेचती है,पिछले तीन साल से भारत में गेंहू का सरप्लस (आवश्यकता से अधिक) उत्पादन हो रहा है। ऐसे में जून-जुलाई में एफसीआई अपने स्टॉक में रखे गेंहू को डिस्काउंट रेट और माल ढुलाई पर छूट के साथ बेचता है और कंपनियां एक साल में एफसीआई से 70-80 लाख टन गेहूं खरीदती हैं। घरेलू व्हीट प्रोसेसिंग इंडस्ट्री ने 2021-22 में सरकार से 70 लाख टन गेहूं खरीदा था। अगर सरकार इस साल ओएमएसएस से गेहूं नहीं बेचती है तो कंपनियों को इसे खुले बाजार से ही खरीदना होगा। ईटी ने एक मिल मालिक के हवाले से बताया है कि “सरकार ने इस साल हमें एफसीआई पर निर्भर नहीं रहने को कहा है। इस साल वे निजी व्यापारियों को गेहूं बेचेंगे या नहीं यह निश्चित नहीं है।” वहीं, आटा इंडस्ट्री इस बारे में खाद्य मंत्रालय को पत्र लिखकर संकट से आगाह करा चुकी है,पत्र में उन्होंने सरकार के पास गेहूं की कमी का मुद्दा उठाते हुए कहा कि राज्य सरकारों को कल्याणकारी योजनाओं के लिए दिए जाने वाले गेहूं पर भी रोक लगा दी गई है।