बांसी पीएचसी में मरीजों और स्वास्थ्य कर्मियों को भारी दिक्कत

IMG-20210626-WA0055.jpg सिद्धार्थनगर उत्तर प्रदेश। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बांसी में जाने वाले मरीजों को भवन के अभाव में भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है, और लोग केवल तीन कमरे में चल रहे अस्पताल को लेकर बुरी तरह से परेशान हैं। आलम यह है कि अस्पताल परिसर में एंबुलेंस तथा मरीजों की गाड़ी भी नहीं घुस पा रही है। लोगों का कहना है कि एक ब्लॉक अस्पताल का तैयार हो चुका है उसमें अगर अस्पताल को शिफ्ट कर दिया जाए तो इस समस्या का समाधान हो सकता है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बांसी के भवन को तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह के प्रयास से ऊंचीकरण करते हुए 50 बेड का हॉस्पिटल किया गया जिसके लिए पूरे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के भवन को ध्वस्त कर दिया गया और दो चिकित्सा अधिकारियों के आवास और एक टीन शेड को अस्थाई तौर पर अस्पताल बनाकर उसी में सारा कामकाज लगभग 1 वर्ष से किया जा रहा है। कोरोना जांच आकस्मिक सेवा टीकाकरण जच्चा बच्चा केंद्र इमरजेंसी केस, पैथोलॉजी आदि के अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से संबंधित अन्य चिकित्सीय सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही है ओपीडी में प्रतिदिन यहां लगभग 4 से 500 की भीड़ होती है उन मरीजों की भी लंबी लाइन लगी देखी जा सकती है इससे मरीजों को तो दिक्कत हो ही रही है चिकित्सा अधिकारियों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को भी भारी मुसीबत झेलना पड़ रहा है। एक सक्रिय स्थान पर पूरा अस्पताल चलाने में यह भी दिक्कत आ रही है कि गंभीर मरीजों को लेकर पहुंचने वाला वाहन अस्पताल के अंदर तक नहीं पहुंच पा रहा है यहां तक कि एंबुलेंस भी अंदर नहीं जा पा रहे हैं क्या समस्या लगभग 1 साल से बनी हुई है परंतु किसी भी जिम्मेदार का ध्यान इस पर नहीं जा रहा है। नगर क्षेत्र के तमाम प्रबुद्ध वर्ग का मानना है कि यदि नवनिर्मित अस्पताल भवन का एक ब्लॉक तैयार हो गया है उसमें पूरे सिस्टम को स्थापित कर दिया जाए तो मरीजों चिकित्सा अधिकारियों और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के लिए काफी राहत होगी। इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ आरके सिंह का कहना है कि शीघ्र ही तैयार हो चुके एक ब्लॉक में पूरे अस्पताल को शिफ्ट किया जाएगा जिससे समस्याओं से निजात मिलेगी।