भारतीय आमों की दुनियाभर में मांग

in #punjab2 years ago

1100 टन करीब 39 करोड़ रुपए के आम का होगा निर्यात
चित्तौड़गढ़। भारतीय आमों की मांग दुनियाभर में है। खासकर अमेरिका में तो इसे लेकर खासी बेसब्री है। पिछले दो साल से कोरोना के चलते भारत से आम का आयात प्रतिबंधित कर दिया गया था। हाल ही में अमेरिका ने फिर से आयात को मंजूरी दे दी है। चित्तौड़गढ़ ज़िले के रावतभाटा में बन रहे विकिरण सोर्स की मदद से फूड इरैडिएशन प्रक्रिया से गुजरने के बाद इन आमों को अमेरिका भेजा जा रहा है।.
mango.jpgकोटा के करीब रावतभाटा में बोर्ड ऑफ रेडिएशन एंड आइसोटोप टेक्नोलॉजी (ब्रिट) की कोबाल्ट फैसिलिटी में कोबाल्ट 60 विकिरण सोर्स बनता है। यह सोर्स फूड इरैडिएशन के लिए फूड प्रोसेसिंग प्लांट को उपलब्ध कराया जाता है। वहां पर खाने की चीजें बैक्टीरिया, वायरस और इंसेक्ट्स रहित होते हैं। रावतभाटा से विकिरण सोर्स फूड प्रोसेसिंग देश के चार प्रमुख केंद्र को उपलब्ध करा दिए गए हैं।hPb2XtKwBGizbKoJKryscnDEjgPgC5isTHGfDDXEStCBTahSYhnK6MhVVumdt6iFhZ9eQR3JY97oz6SK96u3TEYVaSpY37qupEmr3G9Bgj...NhQZcgpHUuaKEwXqQXv9kCMahCAnNgLX3qNS7tjUcV5xs8jjCjXEaHV1b7WGRqSTNGAfBU1Jv288PUBo3otiwfCKBdTyvtcRYANjrfR1MPbanubpCLsXgzbLz.jpeg
इनमें महाराष्ट्र के नासिक जिले के लासलगांव, वापी, गुजरात के अहमदाबाद, कर्नाटक के बेंगलुरू में स्थित केंद्र शामिल हैं। 2019 में (कोरोना से पहले) अमेरिका को 1095 टन आम निर्यात किया गया था। इन्हें हवाई मार्ग से भेजा जाता है। इस बार 1100 टन यानी करीब 39 करोड़ रुपए का आम भेजा जाएगा।