श्रीराम कथा में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने उपस्थित रहकर लिया कथा का आनन्द

in #ramkatha2 years ago

FB_IMG_1653841920658.jpgहरदोई-राम जानकी परिसर में चल रही श्री राम कथा के द्वितीय दिन कल अयोध्या धाम से पधारे संत सुखनंदन शरण महाराज द्वारा रामकथा की दिव्य सरिता का निर्मल प्रवाह भक्तजनों को भिगो गया। कथा का प्रारंभ व्यास जी ने याज्ञवल्क्य द्वारा भारद्वाज ऋषि को रामकथा सुनाने के प्रसंग से प्रारंभ किया जिसके अंतर्गत बताया गया कि

श्रोता वक्ता ज्ञान निधि, कथा राम के गूढ़।
किन समझू मैं जीव जड़, कलि मल ग्रसित विमूढ़।।

अर्थात रामकथा से और इसकी गूढ़ता से श्रोता और वक्ता ज्ञान के अथाह खजाने से परिपूर्ण है परंतु जीव जड़ता और अपनी मूर्खता के कारण कलयुग में अगर उस भाव को समझ नहीं पाया तो उसका जीवन व्यर्थ है।

रामकथा के महात्मय का वर्णन करते हुए व्यास जी ने कहा,

बुद्ध विश्राम शकल जन रंजन
राम कथा कलि कलुष विभंजन

अर्थात राम कथा का पावन प्रवाह मन के क्लेश का विभंजन कर सात्विक ऊर्जा का संचरण कर देता है। साथ ही उन्होंने कहा,

यहि कलिकाल न शाधन दूजा
जोग यज्ञ जप तप व्रत पूजा

अर्थात इस कलयुग में भगवान की प्राप्ति का मार्ग कोई और नहीं है ईश्वर की प्राप्ति का एकमात्र मार्ग उसका स्मरण मात्र है। आठों याम ईश्वर का स्मरण भवसागर से पार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, इसलिए रामहि सुमिरिये गाइए रामहि। कलयुग में राम का सुमिरन अत्यंत फलदाई है। इसके बाद के प्रसंगों में सती चरित्र का वर्णन किया गया साथ ही पार्वती जी के जन्म का भावपूर्ण संगीत के साथ वर्णन व्यास जी द्वारा किया गया। तत्पश्चात श्रोताओं को पार्वती के तप और किस तरह उन्होंने शिव को प्राप्त करने हेतु आराधना की इस प्रसंग का भावपूर्ण व्याख्यान किया गया। उसके बाद भगवान रामचंद्र जो शिव को अत्यंत प्यारे थे जिनके बारे में कहा जाता है कि भगवान शिव ने कहा था कि अगर कोई मुझे प्राप्त करना चाहे तो उसका एकमात्र मार्ग राम भक्ति ही है। रामचंद्र जी द्वारा भगवान शिव से पार्वती जी से विवाह करने के निवेदन को वर्णन करते हुए व्यास जी द्वारा कल कथा को विराम दिया गया।

इस अवसर पर भारी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। कल के मुख्य यजमान संदीप अवस्थी द्वारा पूजन प्रारंभ हुआ और उसके बाद बनारस के आचार्यों द्वारा वेदिका पूजन एवं अन्य सनातन कार्य विधियों का संपादन किया गया। कार्यक्रम में हरदोई नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष सुख सागर मिश्र 'मधुर' एवं चित्रा मिश्रा द्वारा आरती में सम्मिलित होकर आशीर्वाद प्राप्त किया गया। आयोजक मंडल राजेश तिवारी, बृजेश अवस्थी, मनीष मिश्रा, अन्तर्यामी बाजपेई, जलज बाजपेई, संदीप अवस्थी, प्रदीप त्रिवेदी सहित भारी संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे।