कीर समाज के लोगों ने केवट बोर्ड गठन की मांग को लेकर प्रदेश भर मे आहान

in #wortheum2 years ago

आजादी के 70 साल के इतिहास में समाज का कोई भी प्रतिनिधि विधानसभा में नहीं पहुंच पाया

पाली जिले के रायपुर उपखंड क्षेत्र के बर कस्बे में आज कीर समाज के प्रदेश प्रवक्ता धर्मवीर कीर के नेतृत्व में बैठक आयोजित हुई जिसमें कीर समाज के लिए केवट बोर्ड गठन की मांग राजस्थान सरकार से की है जिसमें पूरे प्रदेश भर में कीर समाज के लोगों द्वारा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ज्ञापन सौंपकर केवट बोर्ड बनाने की रणनीति बनाई। बैठक के दौरान समाज के पंच पटेल मौजूद रहे एवं समाज विकास को लेकर चर्चा भी की है।

इस कीर समाज के जीवन यापन के मुख्य पैतृक व्यवसाय जल आधारित कृषि जैसे पोखर तालाब में सिंघाड़े की खेती, मत्स्य आखेट, नदी, नालो, तालाबों की पेटा भूमि किराए पर लेकर ककड़ी, खरबूजा एवं सब्जियों की खेती करना, इत्यादि रहा है जोकि वर्तमान में नदी, नाले, तालाब, पोखर आदि पर बजरी खनन माफिया एवं प्रभावशाली लोगों कब्जा हो गया है जिससे समाज के लोगों का जीवन यापन करना कठिन हो गया है।समाज के अधिकतर लोग भूमिहीन होने की वजह से मजदूरी करने के लिए दर-दर भटकने ने के लिए मजबूर है। आर्थिक दृष्टि से कमजोर होने की वजह से शिक्षा का स्तर बेहद कमजोर है। राजनीतिक रूप से भी सरकार एवं संगठन में समाज का कोई प्रतिनिधि नहीं है। आजादी के 70 साल के इतिहास में समाज का कोई भी प्रतिनिधि विधानसभा में नहीं पहुंच पाया है। अति पिछड़ा समाज होने की वजह से यह समाज मुख्यधारा से अलग-थलग पड़ा हुआ है जिसका आज दिन तक कोई धणि धोरी नहीं है और ना ही आज दिन तक किसी भी सरकार एवं राजनीतिक दल ने इस समाज की दुर्दशा पर कोई गौर किया है। प्रदेश में इस समाज की आबादी बहुतायत में होते हुए भी मुख्यधारा से कटा हुआ है एवं घुमंतू तथा आदिवासी जीवन जीने को मजबूर है।समाज को मुख्यधारा से जोड़ने एवं इसके सर्वांगीण विकास के लिए "केवट बोर्ड" का गठन किया जाए जिससे समाज आर्थिक, शैक्षणिक एवं राजनीतिक क्षेत्र मैं सशक्त होकर समाज और प्रदेश के विकास में अपनी भागीदारी निभा सके इसके लिए केवट बोर्ड की आवश्यकता है । इस दौरान नरसिंहलाल कीर पिचियाक, जगदीश प्रसाद कीर, कीर ,आशुराम कीर, मुकनाराम कीर , ढगलाराम कीर, बुद्धाराम कीर, राकेश कीर, सुरेश कीर , प्रकाश कीर, पत्रकार छगनलाल कीर, लक्ष्मीनारायण कीर,पुखराज कीर, अणदाराम कीर , शिवराम कीर, उदाराम कीर, हनुमान कीर, आदि मौजूद रहे।