बाल कल्याण अधिकारियों की सुस्ती पर नाराजगी, पाबंद करने का निर्णय

in #hanumangarh2 years ago
  • जिला कलक्टर की अध्यक्षता में आयोजित हुई जिला स्तरीय बाल श्रम टास्क फोर्स की बैठक
    हनुमानगढ़। जिला स्तरीय बाल श्रम टास्क फोर्स की बैठक बुधवार को जिला कलक्टर नथमल डिडेल की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभागार में हुई। बैठक में हनुमानगढ़ को बालश्रम मुक्त बनाने के लिए कई बिन्दुओं पर चर्चा की गई। बैठक में पिछले दिनों बाल श्रम और भिक्षावृत्ति के खिलाफ की गई कार्रवाई की समीक्षा की गई। धार्मिक स्थलों, चौराहों आदि पर भिक्षावृत्ति व होटलों, फैक्ट्रियों में बालश्रम रोकथाम को लेकर और प्रभावी कार्ययोजना बनाए जाने पर चर्चा की गई। जिले को बाल श्रम, भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के लिए कार्य योजनाओं पर भी चर्चा हुई। बालश्रम व भिक्षावृत्ति पर रोकथाम व बच्चों के हित के लिए कार्य करने के उद्देश्य से जिले के सभी 16 पुलिस थानों में लगाए गए बाल कल्याण अधिकारियों का अभी तक का कार्य संतोषजनक नहीं होने का मुद्दा बैठक में मुख्य रूप से छाया रहा। इसके लिए जिला कलक्टर की ओर से जिला पुलिस अधीक्षक से बात कर इस संबंध में पत्र जारी कर बाल कल्याण अधिकारियों को पाबंद किए जाने का निर्णय लिया गया। वहीं भद्रकाली मंदिर सहित अन्य धार्मिक स्थलों पर बालश्रम व भिक्षावृत्ति के मामलों पर अंकुश नहीं लगने के चलते देवस्थान विभाग को पत्र लिखे जाने पर सहमति बनी। इसके तहत भविष्य में इन धार्मिक स्थलों पर बालश्रम व भिक्षावृत्ति के मामले सामने आने पर संबंधित मंदिर के संचालकों व पुजारी के खिलाफ कार्रवाई किए जाने का निर्णय लिया गया। होटलों में छोटे बच्चों से खाना परोसने का कार्य करवाने के मामलों में खाना खाने या पैक करवाकर ले जाने वाले व्यक्ति की भी यह ड्यूटी तय करने कि वह इसकी सूचना बाल कल्याण समिति को दे या फिर होटल संचालक को टोकते हुए कहे कि वे बालश्रम करवाने के चलते उनके होटल पर खाना नहीं खाएंगे, पर चर्चा हुई। बैठक में जिला कलक्टर ने निर्देश दिए कि बाइपास मार्ग पर निर्माणाधीन राजकीय मेडिकल कॉलेज में कार्य कर रहे श्रमिकों के बच्चों के लिए शैल्टर होम या आवासीय विद्यालय शुरू किया जाए। बाल कल्याण समिति अध्यक्ष जितेन्द्र गोयल ने जिले के लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि अगर लोग भिक्षावृत्ति करने वालों को नकद रुपए देना बंद कर दें तो भिक्षावृत्ति के मामलों पर 70 प्रतिशत रोक अपने आप लग जाएगी। क्योंकि अक्सर देखने में आता है कि माता-पिता अपने बच्चों से जबरन भिक्षावृत्ति करवाते हैं ताकि वे अपने नशे या अन्य चीजों की पूर्ति कर सकें। नकद रुपए की बजाए उस बच्चे को अगर खाने की कोई वस्तु दे दी जाए तो भिक्षावृत्ति पर निश्चित रूप से लगाम लगेगी। शेष 30 प्रतिशत भिक्षावृत्ति पर समिति रोक लगा देगी। अगर ऐसा होता है तो भिक्षावृत्ति व बालश्रम मुक्त बनने वाला हनुमानगढ़ जिला राजस्थान प्रदेश का पहला जिला बन जाएगा।
    लेबर सेस की समीक्षा
    बैठक में जिला कलक्टर नथमल डिडेल ने लेबर सेस की समीक्षा करते हुए बताया कि हनुमानगढ़ जिले को 30 करोड़ रुपए का टैक्स एकत्रित करने का लक्ष्य राज्य सरकार की ओर से दिया गया है। कलक्टर ने निर्देश दिए कि निजी सेक्टर में बन रहे भवन विशेषकर कॉलोनियों में हो रहे निर्माण कार्य में प्रत्येक नगर पालिका दो-दो वार्डांे का चयन करे। उन वार्डांे में शत प्रतिशत टैक्स एकत्रित किया जाए। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसे पूरे शहर में लागू किया जाए ताकि पारदर्शिता बनी रहे। इसके अलावा नगर पालिका या ग्रामीण सेक्टरों में चल रहे निर्माण कार्य से भी टैक्स एकत्रित करने के लिए अभियान चलाने के निर्देश जिला कलक्टर ने दिए। जिला श्रम कल्याण अधिकारी अमरचंद लहरी ने बताया कि एकत्रित किया जाने वाला लेबर सेस श्रमिकों के कल्याण के लिए चल रही विभिन्न योजनाओं के तहत किए जाने वाले भुगतान के लिए फंड कलेक्शन होगा। निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों के वेलफेयर के लिए इस फंड को खर्च किया जाएगा।