सेहरा बंधने से पहले उठ गई अर्थी, खुशियां ग़म में बदली

सन्तकबीरनगर। मां - बाप के जीवन में सबसे बड़ी खुशी का पल वह होता है जब वह अपने बेटे को दूल्हे के रूप में देखता है। बेटे के सर पर सेहरा देखने की चाहत मां-बाप को बेटे के जन्म के बाद ही होने लगती है। लेकिन कुदरत कितना कारसाज है, उसके फैसले कितने क्रूर हैं कि कभी-कभी वह बरसों की चाहत को पलभर में ही खत्म कर देता है और सुख की जगह दुखों का पहाड़ तोड़ देता है।
ऐसा ही मामला बखिरा थाना क्षेत्र के सिहटीकर गांव में सोमवार को सामने आया। जहां पर मां-बाप की इकलौती संतान की मौत शादी के 2 सप्ताह पूर्व हो गयी। बेटे को सेहरे में देखने की चाहत बाप की अधूरी रह गई और सेहरा बंधने से पूर्व ही बेटे की अर्थी अधेड़ बाप को उठानी पड़ी तो देखने वालों की आंखों में बरबस ही आंसू आ गए और शादी की तैयारियों की खुशी पल भर में ही दुखों में तब्दील हो गयी। यहां मौजूद हर कोई ईश्वर के इस क्रूर फैसले को कोस रहा था। वर्षों बाद आने वाली खुशियां गमों में तब्दील हो गई जो शायद ही बूढ़े बाप के जीवन से कभी खत्म हो सके। ज्ञात हो कि जय श्री प्रसाद चौरसिया उम्र लगभग 22 IMG-20220523-WA0015.jpgवर्ष की शादी आगामी 6 जून को तय हुई थी । शादी की तैयारियों में परिवार जुटा हुआ था । जिस के क्रम में युवक जय श्री प्रसाद घर पर कुछ कार्य ड्रिल मशीन से कर रहा था। इसी दौरान वह बिजली की चपेट में आ गया और मौके पर ही उसकी दर्दनाक मौत हो गई। युवक की दर्दनाक मौत से जहां बाप के बुढ़ापे की लाठी टूट गई। वही बेटे को सेहरे में देखने की तमन्ना भी अधूरी रह गयी।