अट्ठारह सौ सत्तावन की क्रांति में तात्या टोपे की भूमिका पर छात्र-छात्राओं से परिचर्चा

IMG-20220418-WA0059.jpgसंतकबीरनगर। हीरालाल रामनिक्स स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय खलीलाबाद में सोमवार को राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में विश्व विरासत दिवस तथा आजादी के अमृत महोत्सव के कार्यक्रम के कड़ी में तात्या टोपे के बलिदान दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें वक्ताओं ने अपना-अपना विचार रखा। कार्यक्रम में अट्ठारह सौ सत्तावन की क्रांति में तात्या टोपे के की भूमिका पर छात्र-छात्राओं से परिचर्चा की गई।
प्राचीन इतिहास विभाग के सहायक आचार्य डॉ. मनोज कुमार मिश्र ने विरासत के संरक्षण पर प्रकाश डालते हुए बताया कि पुरातात्विक श्रेणी के विरासत स्थलों की यात्रा करते समय उन्हें छूने से बचना चाहिए और उन पर बैठना नहीं चाहिए। इसके साथ ही आज की युवा पीढ़ी को अपने स्वर्णिम इतिहास को जानने एवं उसको संरक्षित करने के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित शिक्षा शास्त्र विभाग के सहायक आचार्य फखरे आलम ने विभिन्न विरासत स्थलों तथा 1857 की क्रांति में तात्या टोपे के बलिदान के विषय में छात्र-छात्राओं को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास का अध्ययन हर भारतीय को करने की आवश्यकता है। इतिहास का अध्ययन हमें आत्मबोध का अवसर प्रदान करता है। कार्यक्रम में डॉ. शशिकांत राव, डॉ. विनय कुमार सिंह, डॉ. www विजय कुमार मिश्र, पुरुषोत्तम पांडेय, विद्याभूषण, डॉ. राजेश गुप्ता आदि शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।IMG-20220418-WA0058.jpg