केश चंद्रशेखर जेल अधिकारियों को हर महीने देता था डेढ़ करोड़! सुप्रीम कोर्ट हैरान

in #jail2 years ago

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ठग सुकेश चंद्रशेखर (Sukesh chandrashekhar) जेल में बैठे-बैठे किस तरह क्राइम सिंडिकेट चला रहा था, इसपर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की है. सुप्रीम कोर्ट अब यह जानना चाहता है कि सुकेश ने किस तरह जेल में रहकर 12.5 करोड़ रुपये कैश का इंतजाम किया.

जो कि रिश्तव के रूप में जेल के अधिकारी और बाकी लोगों को दिये गये थे. कोर्ट ने सुकेश ने वकील से उन लोगों के नामों की लिस्ट भी देने को कहा है जिनको यह पैसा दिया गया था.

सुप्रीम कोर्ट में सुकेश चंद्रशेखर ने खुद को पीड़ित बताया. उनके वकील ने कोर्ट से कहा कि सुकेश के साथ खुद ठगी होती रही. दावा किया गया कि उससे जेल के अफसर उगाही करते थे. इसपर कोर्ट ने नाराजगी जताई है. कोर्ट ने सीधा सवाल किया कि बताएं किसको पैसा दिया गया था. अब इस मामले में 26 जुलाई को सुनवाई होगी. तब सुकेश के वकील को नाम भी बताने होंगे.

तिहाड़ में बंद सुकेश चंद्रशेखर के वकील ने दावा किया कि जेल के अफसरों समेत बाकी लोगों ने उससे 12.5 करोड़ रुपये की उगाही की थी. कोर्ट ने कहा कि इन लोगों की पहचान जरूरी है, जिन्होंने सुकेश से पैसे लिये.

जेल में पैसों के लिए किया जा रहा टॉर्चर- सुकेश के वकील का दावा

सुप्रीम कोर्ट यहां सुकेश चंद्रशेखर की एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था. इसमें सुकेश ने कहा था कि उसे तिहाड़ जेल में जान का खतरा है इसलिए उसको यहां से कहीं और शिफ्ट किया जाए. सुकेश ने आरोप लगाया था कि पैसों की डिमांड ना पूरी करने पर तिहाड़ जेल के अधिकारी उसको टॉर्चर करते हैं.

ठग के वकील का दावा था कि सुकेश को जान का खतरा महसूस हो रहा है क्योंकि उसने जेल के अंदर से चल रहे उगाही के रैकेट का खुलासा किया है, जिसमें उससे 12.5 करोड़ लिये गए थे. बेंच ने इसपर हैरानी जताई कि जेल के अंदर रहते हुए इतना कैश कैसे जुटाया गया.

सुकेश की तरफ से पेश वकील ने कहा कि मुलाकात के समय जो लोग आते थे उनके जरिए पैसे भिजवाये जाते थे. इसके साथ-साथ जेल के बाहर मौजूद लोग भी मदद करते थे. इसपर कोर्ट में जस्टिस ललित ने पूछा तो आप मुलाकात के बहाने अपना आपराधिक सिंडिकेट चला रहे थे? फिर कोर्ट ने सुकेश के वकील से कहा कि जिन लोगों के जरिए डील की गई और करोड़ों रुपए के पेमेंट दिए गए उनके नाम कोर्ट को बताएं.

ईडी ने माना- हर महीने 1.5 करोड़ दे रहा था सुकेश

इस बीच ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की तरफ से पेश एस वी राजू ने भी कोर्ट को बताया कि उनको भी पता चला था कि सुकेश हर महीने 1.5 करोड़ रुपये जेल अधिकारियों को देता था. ताकि उसे बिना रुकावट के फोन आदि की सुविधा मिले, जिससे वह अपना क्राइम सिंडिकेट चलाता रहे. लेकिन अब वह चाहता है कि उन अधिकारियों पर एक्शन हो जो उससे रिश्वत लेते थे. फिर खुद चेन्नई और बेंगलुरु की जेल में शिफ्ट होना चाहता है जिससे वहां से अपना क्राइम सिंडिकेट चलाता रहे.

कोर्ट ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि सुकेश और उनकी पत्नी के पास इतना पैसा आया कहां से जो रिश्वत के रूप में दिया जा सके. इसपर उनके वकील ने कहा कि उनके बाहर बड़े बिजनेस चलते हैं.