छत्तीसगढ़: सहकारी बैंक कर्मियों का वेतन देख हैरान हो गए CM बघेल, जांच का आदेश

in #chhatisgarh2 years ago

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य की अपेक्स बैंक और जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों के कर्मचारियों के वेतन में बेतहाशा बढ़ोतरी को गंभीरता से लिया है. सीएम बघेल ने इस मामले की जांच के आदेश दिए है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पिछले 10 सालों में सहकारी बैंक कर्मियों के वेतन और भत्तों में दोगुना से भी ज्यादा बढ़ोतरी कर दी गई है. अब माना जा रहा है कि इस जांच के घेरे में पूर्व की रमन सिंह सरकार भी आ सकती है.

दरअसल सीएम भूपेश बघेल ने सहकारी बैंकिंग संस्थानों में मौजूदा सेवा नियमों और वेतनमान पर अधिकारियों की एक बैठक की अध्यक्षता करने के बाद शुक्रवार को जांच के आदेश दिए है. जानकारी के अनुसार इस बैठक में अपेक्स बैंक और सहकारी बैंकों के कर्मचारियों के वेतन में बेतहाशा बढ़ोत्तरी के एक बड़े खेल का खुलासा हुआ है.

सीएम ने दिया जांच का आदेश

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपेक्स बैंक और जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों के कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी के इस मामले को गंभीरती से लेते हुए जांच का आदेश दिया है. उन्होंने पिछले 10 वर्षों में अपेक्स बैंक और डीसीसीबी में वेतन भत्तों में पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश की तुलना में दोगुनी से अधिक की वृद्धि पर कड़ी नाराजगी जताई. बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक को अपेक्स बैंक के रूप में जाना जाता है।

सीएम भूपेश बघेल हो गए हैरान

अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक सहकारी बैंक के वरिष्ठ पद पर मध्य प्रदेश में अधिकतम 1.70 लाख रुपये मिलते हैं. वहीं इसकी तुलना में छत्तीसगढ़ में इसी पद पर अधिकारी को 2.87 लाख रुपये मिलते हैं. जब समीक्षा बैठक में ये आंकड़ा सीएम भूपेश बघेल ने देखा तो वो हैरान रह गए. इसके बाद उन्होंने जांच का आदेश दिया.

पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह पर भी जांच की आंच

अधिकारियों ने बताया कि जांच के बाद सामने आएगा कि राज्य के सहकारी बैंकों में वेतन बेतहाशा ढंग से कैसे बढ़ा. ऐसा माना जा रहा है कि जांच के घेरे में पूर्व की रमन सिंह नीत बीजेपी सरकार भी आ सकती है.

2900 पद होंगे रिक्त

सीएम भूपेश बघेल ने आगे कहा कि अपेक्स बैंक और डीसीसीबी में नए सेवा नियम लागू होने के बाद 2,900 पद खाली होंगे. इन खाली पदों को छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा बोर्ड (सीपीईबी) के माध्यम से जल्द से जल्द भरा जाएगा. बता दें कि छत्तीसगढ़ को साल 2000 में मध्य प्रदेश से अलग करके बनाया गया था. इसमें जिला सहकारी बैंक धान की खरीद और किसानों को अल्पकालिक कृषि ऋण के वितरण में अहम भूमिका निभाते हैं.