आचार्य भगवंत ने ऐसे सूत्र दिए हैं जिनसे जीवन सफल हो-आर्यिका रत्न आदर्श मति माता जी

in #mp2 years ago

प्रतिभा स्थली सेमिनार में रामटेक जवलपुर के दल पहुंचे
अशोकनगर-जीवन को सफल बनाने के लिए आचार्य भगवंत गुरुवर श्री विद्यासागर जी महाराज ने ऐसे ऐसे सूत्र दिए हैं कि एक सूत्र को भी आप समझ कर अपने जीवन में उतार कर जीवन में धारण कर लें तो आप अपने जीवन को सफलता की ऊंचाइयों पर चढ़ते हुए स्वयं देख सकेंगे सुनते तो अच्छी बातों को सभी है और सिर भी हिलाते हैं लेकिन शिक्षा सिर्फ श्रावण में रह जाती है जीवन में नहीं आती उक्त आश्य के उद्गार सुभाष गंज में प्रतीभा स्थली वर्गीकरण सेमिनार को संबोधित करते हुए आर्यिकारत्न श्रीआदर्श मति माताजी ने व्यक्त किए।
IMG-20220524-WA0113.jpgये मनुष्य हर समय धन की चिंता में लगा रहता है
उन्होंने कहा किएक पिता मरण सैया पर लेटा हुआ है उसका पुत्र कहता है हे पिता जी भगवान का नाम लो तो पिता कहता है कि बेटा तूने अच्छा याद दिलाया भगवानदास से तो इतनी लाख रुपए लेना है तब दूसरा बेटा कहता है पिताजी राम का नाम लो तो पिता बोलते हैं कि रामदास से भी हमें रकम उठाना है तो तीसरा बेटा कहता है पिताजी प्रभु का नाम लें तब भी पिता कहते हैं प्रभु लाल जी से भी जमीन हमें वापस लेना है यह हाल मरण शैया पर लेटे समय भी उस पिता का है जो आयु के अंतिम पड़ाव में है हमें अपनी चिन्ता विलकुल भी नहीं है हर समय ये मनुष्य धन‌ की चिंता में लगा रहता है और प्राण छोड़ देता है ।
जो सिखायेंगे वहीं सीखेगा वच्चा
उन्होंने कहा कि एक बेटा विद्यालय गया वहां उसे शिक्षक ने सिखाया माई हैंड मतलब मेरे हाथ तो बेटा घर आकर बोलता है माई हैंड मतलब शिक्षक के हाथ तब पता नहीं पिता ने कहा कि पिता ने कहा कि माई माई हैंड मींस मेरे हाथ और जब यही बात यही बात बच्चा बस में कहता है तो ड्राइवर भी कुछ अंग्रेजी समस्या था वह कहता माई हैंड मतलव मेरे हाथ बच्चा कहता है माई हेड मतलव डायवर के हाथ। वच्चा स्कूल में पहुंच कर सर से कहता है माय हेड स्कूल में टीचर के हाथ घर में पिता के हाथ वस मे डाइवर के हाथ। यह सव सुनकर टीचर चकित रह जाते हैं हम जो समझना चाहते हैं वह वच्चो को अपनी मातृभाषा में सहजता से समझ में आता है हम उससे दूर हो जाते हैं फिर भ्रमित होते रहते हैं भ्रम से दूर रहने के लिए वच्चो को मातृभाषा में संस्कारित शिक्षा मिलनी चाहिए हमें जो सीखना चाहिए था जो सीखने के बाद कुछ भी सीखना शेष ना रह जाए ऐसे आत्मा तत्व को समझना होगा।