Gorakhpur RMRC मे बीमारी फैलाने वाले कीटों पर होगा अध्ययन, तैयार होंगे विशेषज्ञ

in #health2 years ago

गोरखपुर क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र (RMRC) में बीमारी फैलाने वाले कीटों पर अध्ययन होगा, ताकि बीमारी फैलने से पहले उसकी रोकथाम की जा सके। वायरोलाजिस्ट (Virologist) सिर्फ अध्ययन ही नहीं करेंगे, विशेषज्ञ भी तैयार करेंगे। इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने एमएससी इन पब्लिक हेल्थ एंटमोलाजी (जन स्वास्थ्य कीट विज्ञान में परास्नातक) का कोर्स तैयार किया है। इसे अपनी पांच शाखाओं में लागू कर दिया है, इसमें से एक गोरखपुर का आरएमआरसी भी है। सभी शाखाओं को पुडुचेरी विश्वविद्यालय से संबद्धता मिल गई है। इसी सत्र से पढ़ाई शुरू हो जाएगी। आरएमआरसी को 10 सीटें मिली हैं। छात्रों को प्रति माह 20 हजार रुपये छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाएगी।

पढ़ाई के साथ इन बीमारियों के वाहक कीटों पर किया जाएगा शोध

पढ़ाई के साथ ही डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, इंसेफ्लाइटिस, स्क्रब टाइफस आदि बीमारियों के वाहक कीटों पर शोध किया जाएगा। यह भी देखा जाएगा कि किस किट में कौन सी बीमारी आ गई है। समय से पता चल जाने पर कीटों के प्रसार की भी रोकथाम की जा सकेगी, ताकि बीमारी समुदाय में न फैलने पाए। दो साल के इस कोर्स में चार सेमेस्टर होंगे। छात्रों को कीटों व उनसे संबंधित बीमारियों की जांच की मालिक्यूलर तकनीक के बारे में भी प्रशिक्षित किया जाएगा। उन्हें जीन सिक्वेंसिंग, पीसीआर, एलाइजा, इम्यूनोब्लाटिंग की मालिक्यूलर डायग्नोस्टिक में दक्ष किया जाएगा। एक सेमेस्टर केवल प्रशिक्षण का ही होगा। इसके अलावा उन्हें कीटों से संबंधित बीमारियों, कोशिका जीव विज्ञान, सामान्य अध्ययन, मनुष्य की शारीरिक संरचना, प्रतिरोधक क्षमता विज्ञान आदि के बारे में पढ़ाया जाएगा। डिग्री पुडुचेरी विश्वविद्यालय प्रदान करेगा।

इन शाखाओं में लागू किया गया कोर्स

क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र गोरखपुर (Regional Medical Research Center Gorakhpur)
वेक्टर कंट्रोल रिसर्च सेंटर पुडुचेरी (Vector Control Research Center Puducherry)
नेशनल इंस्टीट्यूट आफ रिसर्च इन ट्राइबल हेल्थ जबलपुर (National Institute of Research in Tribal Health Jabalpur)
राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज पटना (Rajendra Memorial Research Institute of Medical Sciences Patna)
क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र, डिब्रूगढ़ (Regional Medical Research Centre Dibrugarh)
कोर्स से तैयार होंगे कीट वैज्ञानिक

आरएमआरसी के मीडिया प्रभारी डॉ. अशोक पांडेय ने बताया कि इस कोर्स से कीट वैज्ञानिक तैयार होंगे। कीटों के अध्ययन से यह बात पता चल सकेगी कि किस कीट में कौन सी बीमारी आ रही है। इससे कीटों व बीमारी के प्रसार की रोकथाम की जा सकेगी। इसी सत्र से पढ़ाई शुरू हो जाएगी। पुडुचेरी विश्वविद्यालय (Puducherry University) प्रवेश परीक्षा कराएगा। उसमें से छात्रों का चयन किया जाएगा।

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