गाजर घास को कंपोस्ट बनाने का करें कार्य

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सिद्धार्थनगर : कृषि विज्ञान केंद्र सोहना के तत्वावधान में गाजर घास जागरूकता अभियान एक सप्ताह तक चलाया गया। जिसका समापन ग्राम भनवापुर में किया गया। इस बीच कृषि उत्पादन, स्वस्थ पर्यावरण एवं जैविक विविधता के प्रति किसान जागरूक किए गए।समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए फसल सुरक्षा विशेषज्ञ डा. प्रदीप कुमार ने नियंत्रण के उपाय के बारे में विस्तृत चर्चा की। कहा कि वर्षा ऋतु में गाजर घास को फूल आने से पहले जड़ से उखाड़ कर कंपोस्ट और वर्मी कंपोस्ट बनाने का कार्य किया जाना चाहिए। कृषि प्रसार विशेषज्ञ डा. एसएन सिंह ने कहा कि घर के आसपास एवं संरक्षित क्षेत्रों में गेंदे के पौधे लगाकर गाजर घास के फैलाव व वृद्धि को रोका जा सकता है। इसके प्रति किसानों के साथ आम नागरिकों को जागरूक होने की आवश्यकता है। डा. सर्वजीत ने बताया की वर्षा आधारित क्षेत्रों में शीघ्र बढ़ने वाली फसलें जैसे ढांचा, ज्वार, बाजरा, मक्का आदि की फसलों पर ध्यान देना चाहिए। मृदा विशेषज्ञ प्रवेश कुमार ने कहा कि ग्रीष्मा एवं शरद ऋतु में आकर्षित क्षेत्रों में अंकुरित होने पर पानी न मिलने के कारण इनका विकास नहीं हो पाता तथा वर्षा होने पर यही पौधे शीघ्र पढ़कर बीजों का उत्पादन कर देते हैं। इसलिए ऐसे समय इन्हें नष्ट कर देना चाहिए। डा. एस के मिश्रा व नीलम सिंह ने भी किसानों को गाजर घास से बचाव के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में रामकुमार, रामेश्वर, मुन्ना, श्रीप्रकाश आदि कृषक उपस्थित रहे।

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