दो हजार बड़े व बच्चों की स्क्रीनिंग, आठ बच्चे ह्दय रोग के चिन्हित

in #world2 years ago

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  • स्वास्थ्य केंद्रों, एचडब्ल्यूसी, आंगनवाड़ी केंद्र एवं स्कूलों में हृदय रोग से ग्रसित मरीजों की स्क्रीनिंग
  • विश्व हृदय दिवस मनाया
  • नशा से दूर रहने की दिलाई शपथ

मंडला। विश्व हृदय दिवस पर मंडला जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों, एचडब्ल्यूसी, आंगनवाड़ी केंद्र एवं स्कूलों में हृदय रोग से ग्रसित मरीजों की स्क्रीनिंग एवं काउंसलिंग की गई। इस दौरान 1200 से ज्यादा लोगों की स्क्रीनिंग की गई। इसके साथ ही आरबीएसके के अंतर्गत जन्म से 18 वर्ष तक के 800 लोगों की स्क्रीनिंग की। स्क्रीनिंग के दौरान 08 नए हृदय रोग से ग्रसित बच्चे मिले। इन बच्चों को कन्फर्मेशन एवं उपचार के लिए आरबीएसके के अंतर्गत स्वीकृत अस्पताल भेजा जाएगा। जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. वाईके झारिया ने विश्व हृदय दिवस की विस्तृत जानकारी देते हुए हृदय रोग से कैसे बचाव करे बताया। आगे बताया कि प्रत्येक वर्ष 29 सितंबर को अपने आपको स्वस्थ्य रखने, किस प्रकार स्वस्थ्य हृदय कार्य करता है यह बताने एवं जन-जागृति के लिए विश्व हदय दिवस मनाया जाता है। विश्व ह्दय दिवस पर जिला के स्वास्थ्य केंद्रों में ह्रदय रोग से बचाव के लिए उन्मुखीकरण के साथ ह्रदय रोग से बचने के लिए शारीरिक व्यायाम और संतुलित आहार को जीवन शैली में अपनाने की सलाह दी गई।

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डीईआईसी मैनेजर अर्जुन सिंह ने बताया कि इस वर्ष की थीम यूज हार्ट टु बीट कार्डियोवैस्कुलर डिजीज रखी गई है। इस दिवस पर हेल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर पर पदस्थ कम्युनिटी हेल्थ आफिसरों द्वारा अपने केन्द्र पर सामुदायिक जागरुकता के लिए लोगो को एकत्र कर योग और सामुदायिक स्तर पर पोषक तत्वों से परिपूर्ण स्थानीय स्तर पर उपलब्ध अनाज से व्यंजन बनाने की प्रतियोगिता आयोजित की गई। इसके साथ नशे की लत को छोडऩे, तंबाखू, शराब, नशीली दवाओं का सेवन न करने के लिए शपथ दिलाई। एचडब्ल्यूसी केन्द्रों पर प्राथमिक तौर पर ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, बीएमआई, हीमोग्लोबिन की जांच की गई। कार्यक्रम स्थल में मौजूद किशोर किशोरियां पोस्टर, रंगोली प्रतियोगिता में सहभागिता दर्ज की।

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  • ह्दय को कार्य करने के लिए ऑक्सीजन व ग्लूकोज जरूरी :
    वर्तमान में आरामदायक जीवनशैली के कारण खानपान में हुए परिवर्तन के कारण तेज गति से हृदय संबंधी बीमारियां सामने आ रही हैं। हार्ट मांसपेशियों से बना एक पम्प है, जो सारे शरीर में रक्त प्रवाह का संचालन करता है। शरीर के सभी अंगों को जीवित रहने के लिए एवं सुचारू रूप से कार्य करने के लिए ऑक्सीजन, ग्लूकोज व कई अन्य महत्वपूर्ण तत्वों की निरंतर जरूरत रहती है। यह सभी खून द्वारा ही विभिन्न अंगो को पहुंचाये जाते हैं। इस प्रकार हम देखते है कि जीवित रहने का आधार निरंतर रक्त प्रवाह ही है। इस रक्त प्रवाह को निरंतर जारी रखने का काम जो पम्प करता है वह दिल ही है। ह्नदय को काम करने के लिये स्वयं ऑक्सीजन एवं ग्लूकोज कि जरूरत होती है। हृदय कि मांसपेंशियों को खून पहुंचना बन्द हो जाए ऐसी स्थिति को हार्ट-अटैक कहते है। ऐसी स्थिति में मरीज को छाती मे तीव्र दर्द होता है, बेचैनी एवं घबराहट महसूस होती है और पसीना भी आता है। यदि हृदय के बड़े भाग में खून पहुंचना बंद हो जाये तो वहां कि मांसपेशियां निष्क्रिय हो जाती है। इससे हृदय खून पम्प नहीं कर पाता और मरीज का ब्लड प्रेशर गिरने लगता है एवं मरीज की मृत्यु भी हो सकती है। सही समय पर इलाज न मिलने से हार्ट-अटैक के बाद लगभग 15 प्रतिशत मरीजों की मृत्यु कुछ ही घंटो में ही हो सकती है। समय से उचित इलाज करने पर इस मृत्यु दर को लगभग आधा किया जा सकता है।

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