सिद्ध शक्ति पीठ है सिंहवाहिनी मंदिर

in #siddha2 years ago

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मंडला। सिंहवाहिनी मंदिर में माता की दो मूर्तियां है। जो कि काले पत्थर पर अंकित है। एक मॉं सिंहवाहिनी और दूसरी मॉं राजराजेश्वरी। ऐसा कहा जाता है कि गौंड राजाओं के रघुवंश बाजपेयी निजाम शाह के पुरोहित के रूप में नियुक्त किया गया था। दासी पुत्र महापाल सिंह को गद्दी पर बैठाया जाए ऐसी उनकी इच्छा थी। राय बहादुर हीरा लाल ने इस घटना का विस्तृत वर्णन किया है। जब शाही फौज ने बाजपेयी के मकान को घेर लिया तब बाजपेयियों ने देखा कि हमारा सर्वनाश तय है। तब उन्होंने दरवाजा बंद कर भगवान की मूर्ति जो कि इस घराने में थी। स्नान कराकर सकुटम्ब ने चरणमृत पिया और हर एक पुरूष ने अपने स्त्री और बच्चों को तलवार लेकर कत्ल कर दिया। पुरूष वर्ग जो बचा उन्होंने शाही फौज का सामना कर उनसे लड़ा। इसमें लगभग 125 लोग स्वाहा हो गए। केवल दो बच्चे बचे जिन्हें नौकर बाहर खिलाने ले गया था। जिससे यह वंश चला. इस गाथा का वर्णन मंडला गजेटियर के पृष्ठ 101 में है। इस मंदिर में आने वाले श्रृेालुओं द्वारा जो भी मनोती मानी जाती है वह पूर्ण होती है तथा मनोती के अनुसार भक्त प्रसाद श्रृंगार या नगद राशि चढ़ाते है।