छह साल की मासूम की धड़कन थमने नहीं दी

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  • मां बाप के चेहरे खिले, आरबीएसके अंतर्गत मुख्यमंत्री बाल ह्दय उपचार योजना से मिला लाभ

मंडला. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की योजना राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अंतर्गत मुख्यमंत्री बाल ह्दय उपचार योजना अंतर्गत विकासखंड निवास के ग्राम कोहका निवासी 06 वर्षीय निधि यादव की धड़कने थमने नहीं दी। योजना का सहारा मिला तो अब बच्ची स्वस्थ्य है। अब मां बाप की खुशी देखते ही बनती है। सीएमएचओ डॉ. श्रीनाथ सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री बाल हदय उपचार योजना के अंतर्गत 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों को नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाएं जिला शीघ्र पहचान एवं हस्तक्षेप केन्द्र में दी जा रही है। जिससे कि पीडि़त बच्चे निरोगी हो सके।

कहावत है कि जो जागा, उसने जग पाया। किसी की सलाह से रास्ते तो जरूर मिलते है पर मंजिल तो खुद की मेहनत से ही मिलती है। ऐसा ही एक बाकया एक जागरूक अभिभावक ब्रजेश यादव जिन्होंने अपनी आर्थिक तंगी और ग्रामीण परिवेश की मजबूरियों को दरकिनार कर अपनी प्रतिबद्धता और जीवन बचाने की संकल्पित भावना से अपनी बच्ची के जीवन को बचाया। ब्रजेश यादव ने बताया कि उनकी पत्नि ने 06 साल पहले एक बच्ची को जन्म दिया। जन्म के बाद से ही मासूम निधि बीमार रहने लगी। निधि के पिता ने बताया कि बच्ची की सांस भी फूलती थी, सांस लेने में तकलीफ होने लगी, हमेशा बीमार रहती थी। जिससे परिजन काफी परेशान रहते थे। डॉक्टरों के पास जाते तो निमोनिया की शिकायत कहकर उपचार कर दवाईयां दे देते थे, लेकिन दवाईयां लेने के बाद कुछ राहत तो मिलती, लेकिन निधि की हालत फिर जस की तस हो जाती। परिजन को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि बच्ची को आखिर हुआ क्या है। इसी बीच निधि के स्कूल से आरबीएसके चिकित्सक द्वारा सूचना दी गई। उसके बाद परिजन चिकित्सक से आकर मिले और निधि की बीमारी का समाधान उन्हें आरबीएसके चिकित्स से मिल गया।

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  • परिजनों के उड़ गए होश:
    कहावत है कि अच्छा और बुरा समय किसी को बता कर नहीं आता, यहीं ब्रजेश के साथ हुआ। निधि ग्राम कोहका के प्राथमिक शाला में अध्ययनरत थी। यहां राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के चिकित्सक की टीम विजिट में गई। जहां स्कूल के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा था। जहां निधि को आरबीएसके चिकित्सक डॉ. अजय और डॉ. मनोरमा ने देखा, जांच परीक्षण के बाद बच्ची में जन्मजात ह्दय रोग के लक्षण दिखाई दिए। जिससे ह्दय रोग होने की संभावना जताई। जिसके बाद चिकित्सक ने निधि के परिजनों से संपर्क कर बच्ची की बीमारी से अवगत कराया। बीमारी की जानकारी लगते ही परिजनों के होश उड़ गए। लेकिन आरबीएसके चिकित्सक ने परिजन को समझाया कि निधि अन्य बच्चों की खेल कूद सकती है, उसे इस बीमारी से निजात मिल सकता है। इसे उच्च स्तरीय उपचार की आवश्यकता है, जिसके बाद निधि के माता पिता की हिम्मत बढ़ी और चिकित्सक की सलाह पर आरबीएसके द्वारा आयोजन ह्दय रोग शिविर गए।

  • सफल सर्जरी के बाद स्वस्थ्य हुई निधि :
    कहावत है कि सुख के पीछे दुख और दुख के पीछे सुख आता है। हर निराशा के पीछे एक आशा छिपी होती है। इसी छिपी आशा की चाह में निधि के पिता ब्रजेश अपनी बच्ची को मंडला जिला चिकित्सालय में लगे ह्दय रोग शिविर लेकर पहुंचे। जहां जबलपुर मेट्रो हॉस्पिटल के विशेषज्ञ द्वारा ईको पद्धती से बच्ची की जांच की गई। जिसमें निधि के दिल में दो छेद पाए गए। यहां निधि को उपचार के लिए चिन्हित कर लिया गया। पिता ब्रजेश ने अपनी बच्ची के ऑपरेशन के लिए हिम्मत जुटाई और सर्जरी के लिए तैयार हुए। पिता ब्रजेश निधि को जबलपुर स्थित मेट्रो अस्पताल सर्जरी के लिए लेकर गए। सफल ह्दय सर्जरी के बाद निधि स्वस्थ्य होकर अपने गृह निवास वापस लौटी। निधि के पूर्ण स्वस्थ्य होने के लिए सामुदायिक स्वास्थ केंद्र निवास के संस्था प्रमुख डॉ. विजय पैगवार के मार्गदर्शन के साथ आरबीएसके निवास की टीम डॉ. मनोरमा पांडेय , डॉ अजय खांडेल, एएनएम शुभा पांडेय का सराहनीय सहयोग रहा।