"किशोर" जीवन के विकास की एक अवस्था है, जिसमें बदलाव होते है

in #mp2 years ago

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  • जिम्मेदारी से निर्णय लेने व स्वास्थ्य की जानकारी पहुंचाना कार्यक्रम का उद्देश्य
  • मिशन डॉयरेक्टर पियर एजुकेटर से मिलकर हुई खुश
  • स्वास्थ सेवाओं को बेहतर बनाने उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित

मंडला। भारत में किशोर लड़कों और लड़कियों 10 से 19 वर्ष की आयु की जनसंख्या सम्पूर्ण आबादी का करीब 22 प्रतिशत है और यह तेजी से बढ़ रही है। "किशोर" जीवन के विकास की एक अवस्था है और इसी अवस्था में हमारे शरीर में अत्यंत महत्वपूर्ण भौतिक और भावनात्मक बदलाव होते हैं और इन बदलावों के कारण किशोर न केवल मानसिक रूप से परेशानी का अनुभव करते हैं बल्कि भावनात्मक और शारीरिक रूप से भी वह परेशानियों का सामना करते हैं। ऐसे समय में यह आवश्यक है की उन्हें इन बदलावों के संबंध में सही जानकारी प्राप्त हो और वे बिना किसी झिझक व परेशानी के इस विषय में बात कर सकें। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा मप्र के 13 जिलों में राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। जिससे किशोर, किशोरी को अच्छे स्वास्थ्य की सही जानकारी हो सके।

बता दे कि राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम 7 जनवरी 2014 को शुरू किया गया था। यह कार्यक्रम सभी किशोरों को उनके स्वास्थ्य और सेहत के बारे में जानकारी देने के साथ उन्हें जिम्मेदारी से निर्णय लेने के योग्य बनाकर उनकी क्षमताओं का उपयोग करने के काबिल बनाना है और इसके लिए उनकी जरूरत वाली सेवाओं और सहायता को उन तक पहुंचाना है। किशोरों की स्वास्थ सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए जिले में राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत बनाए गए किशोर, किशोरी साथिया का मनोबल बढ़ाने के लिए भोपाल में विगत दिवस एक दिवसीय उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में नेशनल हेल्थ मिशन की मिशन डायरेक्टर प्रियंका दास ने उन्मुखीकरण कार्यशाला में आए सभी जिलों के पियर

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  • एजुकेटरर्स से आमने-सामने बात की।
    आयोजित राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम उन्मुखीकरण कार्यशाला में मुख्य अतिथि नेशनल हेल्थ मिशन से मिशन डायरेक्टर प्रियंका दास, यूएनएफपीए के स्टेट हेड डॉ. सुनील जार्ज, अनुराग जी और यूएनएफपीए कंसलटेंट विजय तिवारी, मप्र के 13 जिलों से साथिया, जिला समन्वयक, ब्लॉक समन्वयक, प्रोग्राम मैनेजर समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे। उन्मुखीकरण कार्यशाला में मिशन डायरेक्टर ने जिलों में चल रहे आरकेएसके कार्यक्रम को लेकर किशोर किशिरियों से बात की और उनके कार्य की प्रशंसा की। उन्मुखीकरण कार्यशाला में सुमन प्रोग्राम की किताब को लॉन्च किया गया। इस दौरान स्टेट ट्रेनर्स को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए भी सम्मानित किया गया।

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  • हम उम्र मित्रों की समस्याओं का करते है समाधान :
    उन्मुखीकरण कार्यशाला में बताया गया कि 10 से 19 वर्ष का समय किशोरों के लिए काफी चैलेंजिंग होता है, इस दौरान किशोरों को भावनात्मक, शरीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने की आवश्कता होती है। खासकर लड़कियों में तेजी से बदलाव होते हैं। इस दौरान वह अपने शरीर में होने वाले परिवर्तन को लेकर काफी परेशान रहते हैं। इन सबके बीच उनके मानसिक सवालों का जवाब समय से नहीं मिल पाता है। किशोर किशोरियों की व्यक्तिगत समस्याओं को हल करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत पियर एजुकेटर बनाए गए हैं जो अपने हम उम्र मित्रों की इन समस्याओं का समाधान कराते है।

  • मिशन डॉयरेक्टर ने पियर एजुकेटरं से की बात :
    आयोजित उन्मुखीकरण कार्यशाला में नेशनल हेल्थ मिशन की मिशन डायरेक्टर प्रियंका दास ने सभी जिलों से आए हुए पियर एजुकेटर से आमने-सामने बात की। पियर एजुकेटर से बात करके मिशन डॉयरेक्टर काफी खुश हुई। कार्यशाला में आए सभी बच्चों को कार्यक्रम के बारे में अच्छे जानकारी थी, मिशन डायरेक्टर द्वारा संचालित आरकेएसके कार्यक्रम के विषय में पूछी गई जानकारी को पियर एजुकेटर ने बेहतर ढंग से प्रस्तुतिकरण देकर बताया गया। पियर एजुकेटर को आरकेएसके कार्यक्रम के हर विषय, मुद्दे पर अच्छा ज्ञान था। पियर एजुकेटर को स्वास्थ्य से संबंधित हर प्रकार की जानकारी होने पर मिशन डॉयरेक्टर बच्चों से मिलकर काफी खुशी जाहिर की।

  • पांच स्टेट ट्रेनर्स को किया सम्मानित :

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जानकारी अनुसार भोपाल में आयोजित राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पांच स्टेट ट्रेनर्स को भी सम्मानित किया गया। कार्यशाला में पियर एजुकेटर से चर्चा के दौरान मिशन डॉयरेटर ने पूछा की इन साथिया को कौन प्रशिक्षित करता है, तो कार्यक्रम में उपस्थित यूएनएफपीए कंसलटेंट विजय तिवारी ने बताया कि हमारे स्टेट ट्रेनर्स जिले में कार्यरत टे्रनर्स को प्रशिक्षित करते है, जो पियर एजुकेटर को प्रशिक्षण देकर प्रशिक्षित किया जाता है। ये पियर एजुकेटर ग्राम स्तर के 10 से 19 वर्ष के बच्चों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दी जाती है। संचालित कार्यक्रम में किशोरों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी देखकर काफी खुश नजर आई। जिसके बाद कार्यशाला में मौजूद पांच स्टेट ट्रेनर्स को मिशन डॉयरेक्टर ने इनके कार्य की सराहना करते हुए इन्हें सम्मानित किया। जिसमें अर्चना राजपूत, कुलभूषण सिंह, मनोज कुलश्रेष्ठ, सुचिता शर्मा, वरुण दुबे को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया।

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