फायर एक्सटिंग्विशर की मियाद खत्म, नही कराई रिफलिंग

in #fire2 years ago

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  • जिला अस्पताल में ही नही अग्रि दुर्घटना से निपटने के इंतजाम
  • मंडला की सुरक्षा से किया जा रहा खिलवाड़, हादसों से नही ले रहे सबक

मंडला। जबलपुर के न्यू लाइफ सुपर स्पेशयलिटी हॉपिस्टल में हुये दिल दहलाने वाले हादसे के बाद सरकारी और निजी अस्पतालों में सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे है। मंडला जिले में 300 बिस्तरीय जिला अस्पताल में ही अग्रि दुर्घटना से निपटने के लिए कोई इंतजाम नही है। फायर एक्सटिंग्विशर की मियाद खत्म हो गई है। जिसके बाद यहां रिफलिंग अभी तक नही कराई गई है।

जानकारी के मुताबिक 2021 में हमीदिया अस्पताल परिसर में बने कमला नेहरू गैस राहत हॉस्पिटल के एसएनसीयू वार्ड में आग लगने से मासूम नवजात बच्चों की मौत हुई थी, इस हादसे के बाद प्रदेश के निजी और सरकारी अस्पताल में ऑडिट और अग्रि दुर्घटनाओं से निपटने के लिए इंतजाम को लेकर सरकार अलर्ट हो गई थी, लेकिन हादसे के बाद बच्चों के चिताओं की आग ठंडी होने के बाद उस दर्दनाक हादसे को सभी ने भूला दिया। निजी और सरकारी अस्पताल में कागजी खानापूर्ति के बाद अग्रि सुरक्षा के लिए अस्पतालोंं में कोई इंतजाम नही हुये। अब फिरजबलपुर के न्यू लाइफ सुपर स्पेशयलिटी हॉपिस्टल में अग्रि हादसा हुआ है। जिसमें 10 लोगो की जान चली गई।

अस्पतालो में लगातार हो रहे अग्रि दुर्घटनों से प्रशासन, प्रशासन और अस्पताल सबक नही ले रहे है। इसकी बानगी जिला अस्पताल मंडला में देखने को मिली है। 300 बिस्तरीय जिला अस्पताल में अग्रि सुरक्षा के कोई इंतजाम नही है। यहां अस्पताल में लगे फायर एक्सटिंग्विशर की रिफलिंग नही कराई जा रही है। कुछ फायर एक्सटिंग्विशर की मियाद जनवरी 2022 और कुछ की जुलाई 2022 में खत्म हुई है। लेकिन अस्पताल प्रबंधन के द्वारा रिफलिंग नही कराई गई है। जिसके चलते यहां अग्रि दुर्घटना की स्थिति में मरीजो की जान पर बन आएगी।

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  • फायर लाइसेंस मिला लेकिन लापरवाही जारी:
    मंडला जिला अस्पताल को फायर एनओसी मिल चुकी है। नगरीय प्रशासन के द्वारा प्राविजनल लाइसेंस जारी किया है। इसके बाद यहां लापरवाही जारी है। अग्रि दुर्घटनाओं से निपटने के लिए सुरक्षा व्यवस्था नही की जा रही है। यहां फायर स्टेशन नही है। यहां जिला अस्पताल में आग बुझाने के लिए हाईडे्रंट नही है। अस्पताल में वाटर केनन और हौज पाइप नही है। यहां अग्रि हादसे के दौरान अस्पताल के सभी वार्डो में अलर्ट के लिए अलार्म नही लगे है। जिससे किसी वार्ड में अप्रिय स्थिति होने पर पूरे अस्पताल स्टॉफ को अलर्ट करना मुश्किल है। आग बुझाने के लिए अभी कोई इंतजाम भी नही है।

  • सिर्फ अग्रि दुर्घटनाओं पर प्रशिक्षण:
    सरकारी अस्पताल में अग्रि दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिए संसाधन और सुविधाएं नही की जा रही है, जब भोपाल, इंदौर और जबलपुर जैसे महानगरों में कोई अग्रि हादसा अस्पताल में होता है तो यहां स्टॉफ को अग्रि दुर्घटना पर नियंत्रण के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है। यहां अस्पताल में डेमो कर कागजी खानापूर्ति कर ली जाती है। लेकिन सुरक्षा के इंतजाम में कोताही बरती जा रही है। इस स्थिति में मंडला जिले में भी इस तरह की लापरवाही भारी पड़ सकती है।

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