पेंशन महाकुंभ उज्जैन में जिले से हजारों कर्मचारी होंगे शामिल

in #pension2 years ago

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  • बबलिया, नारायणगंज, नैनपुर, बीजाडांडी में एसोसिएशन की बैठक में बनी सहमति

मंडला। एनएमओपीएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विजय बंधु के आह्वान पर एवं प्रदेश अध्यक्ष परमानंद डेहरिया, एसोसिएशन प्रांत प्रमुख डीके सिंगौर, हीरानंद नरवरिया के मार्गदर्शन और आयोजन समिति के अध्यक्ष हनीफ खान के निर्देशन पर उज्जैन में आयोजित पुरानी पेंशन महाकुंभ में मंडला जिले से हजारों की संख्या में शिक्षक, पटवारी, सचिव, वनविभाग, स्वास्थ्य विभाग, राजस्व विभाग, कृषि विभाग, विधि विभाग के कर्मचारी शामिल होने के लिए तैयार हैं।

विगत दिनों ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष डीके सिंगौर की अध्यक्षता में बबलिया में आयोजित बैठक में क्षेत्र के कर्मचारी ने दो बसों में लगभग 125 कर्मचारियों ने उज्जैन पेंशन महाकुंभ में जाने पर सहमति व्यक्त की। इसी तरह नारायणगंज से एक बस और ट्रेन से लगभग 75 कर्मचारी, बीजाडांडी से ट्रेन से लगभग 100 कर्मचारी और नैनपुर ब्लाक से दो बस, पांच फोरव्हीलर एवं ट्रेन से लगभग 200 कर्मचारियों ने पेंशन महाकुंभ उज्जैन में शामिल होने की शपथ ली। ओनलाइन बैठक में सभी ब्लाकों से बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने पेंशन महाकुंभ में प्रत्यक्ष सहभागिता निभाने का संकल्प लिया।

बता दे कि ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष डीके सिंगौर के नेतृत्व में एसोसिएशन द्वारा पुरानी पेंशन और न्यू पेंशन को लेकर पिछले कुछ वर्षों से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। एसोसिएशन द्वारा पेंशन अधिकार यात्रा निकालकर सभी ट्रायबल जिलों, ब्लाकों में धरना प्रदर्शन, कलेंडर, स्टीकर, पोस्टर वितरण के माध्यम से आम नागरिकों, कर्मचारियों, अधिकारियों के समक्ष एनपीएस की खामियों को उजागर कर पुरानी पेंशन बहाली आन्दोलन के लिए जाग्रत किया गया।

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दूसरी ओर एनएमओपीएस के आन्दोलनों के दबाव में चार राज्यों में पुरानी पेंशन बहाली के आदेश जारी हो गये, जिससे देखते हुए ट्रायबल वेलफेयर टीचर्स एसोसिएशन ने एनएमओपीएस को मजबूती प्रदान करते हुए 35 कर्मचारी संगठनों को महासंघ में शामिल कर मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली के लिए आन्दोलन की रणनीति तैयार की। जिसकी शुरुआत में महेश्वर, जबलपुर, मैहर में सफल आयोजन के बाद उज्जैन में महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है।

बता दे कि कर्मचारियों को इस सरकार से पुरानी पेंशन बहाली की उम्मीद बहुत कम है, फिर भी कर्मचारियों ने अपनी आस खत्म नहीं की है और सरकार पर लगातार दबाव बनाकर पुरानी पेंशन बहाल कराने का प्रयास कर रहे हैं। हिमाचल में सत्ता परिवर्तन के बाद उत्साहित कर्मचारी और युवा चुनाव के पूर्व सरकार द्वारा पुरानी पेंशन बहाल ना करने पर चुनाव में इस सरकार का विकल्प तलाशने का निश्चय कर लिया है और तन मन धन से इस दिशा में अभी से प्रयास करना प्रारंभ कर दिया है।