23 साल की लड़की ने केंद्रीय मंत्री की बहन को हराया जिला पंचायत का चुनाव

in #mandla2 years ago

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ललिता धुर्वे

  • बदले समीकरण, भाजपा के 7, कांग्रेस के 4, जीजीपी 3 और 2 निर्दलीय सदस्य जीते
  • बोर्ड बनाने के लिए निर्दलीय जरूरी

मंडला। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के जिला पंचायत के परिणाम घोषित कर दिए गए है। मतदान के बाद जिस तरह के रुझान आ रहे थे, उस रूझान से हटकर परिणाम आए। मतदान के बाद जिनकी उम्मीद थी, वही सब उम्मीदवार विजयी घोषित हुए। जिला पंचायत चुनाव के मतों का जनपद स्तर पर सारणीकरण हुआ था, शुक्रवार को एकलव्य विद्यालय परिसर सेमरखापा में जिला स्तरीय सारणीकरण के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा परिणामों की घोषणा करते हुए विजयी उम्मीदवारों को प्रमाण पत्र प्रदान किये गए।
जानकारी अनुसार मप्र में पंचायत चुनाव के नतीजे आ चुके हैं, कई जिलों में इस बार उलट फेर देखने को मिला है। मंडला जिले में भी ऐसा ही एक उलटफेर हुआ। जहां एक 23 साल की लड़की ने केंद्रीय मंत्री की बहन को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव हरा दिया। बता दे कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की मतगणना पूरी हो चुकी है। इस बार के चुनाव में मतदाताओं ने युवा प्रत्याशियों पर जमकर भरोसा जताया है। कई जिलों में तो दिग्गज नेताओं के परिजनों को भी इस बार चुनावी समर में हार का सामना करना पड़ा है। मंडला जिले में भी ऐसा ही कुछ हुआ है, जहां निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 16 की 23 साल की एक लड़की ने जिला पंचायत के चुनाव में केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते की बहन को चुनाव में हरा दिया। बता दे कि इस हार के बाद जिले के सभी समीकरण बदल गए हैं।

  • ललिता धुर्वे ने केंद्रीय मंत्री की बहन को हराया :
    मंडला जिले की जिला पंचायत सीट क्रमांक 16 से 23 साल की ललिता धुर्वे ने केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते की बहन प्रिया धुर्वे को 3 हजार 900 मतों से शिकस्त दी है। जबकि इस सीट पर मंत्री समर्थकों ने पूरा जोर लगा दिया था। ललिता गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के समर्थन से चुनाव लड़ी और चुनाव जीतकर अब जिला पंचायत सदस्य बन चुकी हैं।

  • जिले में सबसे कम उम्र की प्रत्याशी :
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    ललिता धुर्वे जिले में सबसे कम उम्र की जिला पंचायत सदस्य बनी है। बता दे कि ललिता पॉलीटेक्निक कॉलेज से कम्प्यूटर साइंस से इंजीनियरिंग की पढ़ाई अभी हाल में ही पूरी की है। अब ललित पढ़ाई छोड़कर चुनाव में उतरी और जीत हासिल की। आदिवासी समाज की ललिता का कहना है कि वह चुनाव इसलिए लड़ी कि जीतने के बाद ग्रामीण जनता और समाज की सेवा कर सकू। ललिता का कहना है कि उसने देखा है कि ग्रामीण अपने छोटे छोटे कामों के लिए जनप्रतिनिधियों के सामने कई चक्कर लगाने पड़ते हैं। बावजूद इसके ग्रामीणों के काम नहीं होते और चक्कर लगाकर उनके बुरे हाल हो जाते है। यही सब देखकर वह चुनावी मैदान में उतरी। ललिता का कहना है कि जनता ने उन पर भरोसा जताया है इसलिए वह अब जनता की सेवा करेगी।

  • जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए बीजेपी को करनी होगी मशक्कत :
    जिले में बीजेपी को अपना जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने के लिए इस बार मशक्कत करनी पड़ सकती है, क्योंकि इस बार निर्दलीयों ने चुनाव जीतकर बीजेपी और कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। बीजेपी और कांग्रेस जिला पंचायत में कब्जा करने के लिए सक्रिय तो नजर आ रही है, लेकिन बहुमत जुटाना दोनों के लिए और भी कठिन नजर आ रहा है. क्योंकि इस बार मंडला में गोडवाना गणतंत्र पार्टी ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है. ऐसे में अब जिला पंचायत की दावेदारी रोचक होती दिख रही है।

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Naya samay nai Soch iske sath hi hoga desh Ka Vikas naye log aaenge to naye vichar bhi aaenge aisa hua hi chahie tha isko kahenge desh mein ho Raha hai badlav

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