आज गंगा दशहरा,गंगा में स्नान करने नहीं जा पा रहे तो नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्‍नान करें

in #agra2 years ago

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आगरा। ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथ‍ि के द‍िन गंगा दशहरा मनाया जाता है। इस बार यह तिथि 09 जून को पड़ रही है। पुराणों में इस द‍िन स्नान-दान का व‍िशेष महत्‍व बताया गया है। मान्‍यता है क‍ि इसी द‍िन मां गंगा धरती पर अवतर‍ित हुई थीं। इसल‍िए इस द‍िन गंगा नाम के स्‍मरण मात्र से ही सभी पापों का अंत हो जाता है। तो आइए जानते हैं कब है गंगा दशहरा, शुभ मुहूर्त और क्‍या है इसका महत्‍व?
दशमी त‍िथ‍ि 09 जून को सुबह 08 बजकर 23 मिनट को शुरू होगी। इसका समापन 10 जून सुबह 07 बजकर 27 म‍िनट पर होगा। इस दौरान आप स्नान-ध्यान और दान कर सकते हैं। इस दिन गंगा नदी में स्नान करना अत्‍यंत पुण्‍यकारी होता है।

अगर आप गंगा स्‍नान करने न जा पाएं तो नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्‍नान करें। इसके बाद सबसे पहले सूर्यदेव को अर्घ्य दें। फिर ‘ऊं श्री गंगे नमः’ का उच्चारण करते हुए मां गंगे का स्‍मरण करके अर्घ्य दें। इसके बाद गंगा मैया की पूजा- आराधना करें। इस दिन निराश्रितों एवं ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा दें। यह अत्‍यंत शुभ होता है। मान्‍यता है क‍ि ऐसा करने से गंगा मैया की कृपा से श्रद्धालु के जीवन में कभी क‍िसी भी तरह की द‍िक्‍कत नहीं आती।

पौराण‍िक कथा के अनुसार जिस दिन मां गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुई उस दिन एक बहुत ही अनूठा और भाग्यशाली मुहूर्त था। उस दिन ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथी और वार बुधवार था, हस्त नक्षत्र, व्यतिपात योग, गर योग, आनंद योग, कन्या राशि में चंद्रमा और वृषभ में सूर्य। इस प्रकार उस द‍िन दस शुभ योग बन रहे थे। माना जाता है कि इन सभी दस शुभ योगों के प्रभाव से गंगा दशहरा के पर्व में जो भी व्यक्ति गंगा में स्नान करता है उसके ये दस प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं।
पानी में गंगाजल डालकर करें स्नान
पुराणों के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को हस्त नक्षत्र में माँ गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुई थीं। भगवान विष्णु के चरणों से निकली गंगा मैया के धरती लोक पर आने का पर्व, गंगा दशहरा के रूप में मनाया जाता है, यह उत्सव इस वर्ष, रविवार 09 जून को मनाया जाएगा। भागीरथ अपने पूर्वजों की आत्मा का उद्धार करने के लिए माँ गंगा को धरती पर लाए थे, इसी कारण गंगाजी को भागीरथी भी कहा जाता है। मान्यता है कि गंगा मैया मन, वाणी और शरीर द्वारा होने वाले दस प्रकार के पापों का हरण करती हैं।
गंगा दशहरा पूजा विधि
गंगा दशहरा का पर्व यदि घर पर ही मनाएं तो इस दिन सुबह स्नान करने से पूर्व जल में गंगा जल की कुछ बूंद मिलाएं, इसके बाद मां गंगा का स्मरण करते हुए स्नान करें, फिर स्वच्छ वस्त्र धारण कर पूजा प्रारंभ करें, इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए, पूजा के बाद घर में भी गंगाजल का छिड़काव करें, इसके बाद जरूरतमंद लोगों को दान करें, इस प्रकार भी गंगा स्नान का पुण्यफल प्राप्त किया जा सकता है क्यूंकि शास्त्र कहते हैं कि ‘गंगे तव दर्शनात मुक्तिः अर्थात निष्कपट भाव से गंगाजी के दर्शन मात्र से मनुष्यों को कष्टों से मुक्ति मिलती है। साथ ही गंगाजल के स्पर्श से स्वर्ग की प्राप्ति होती है एवं दूर से भी श्रद्धा पूर्वक इनका स्मरण करने से मनुष्य को अनेक प्रकार के संतापों से छुटकारा मिलता है। पाठ, यज्ञ, मंत्र, होम और देवार्चन आदि समस्त शुभ कर्मों से भी जीव को वह गति नहीं मिलती,जो गंगाजल के आचमन से प्राप्त होती है।

गंगा दशहरा पर्व शुभ मुहूर्त
शुभ चौघड़िया- सुबह 05 बजकर 23 मिनट से लेकर सुबह 07 बजकर 07 मिनट तक
शुभ योग- सुबह 08 बजकर 23 मिनट से दोपहर 02 बजकर 05 मिनट तक
सफलता योग- सुबह 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक