करोड़ों की जमीन को हथियाने के मामले में पुलिस आयुक्त में 4 पुलिस कर्मियों को किया निलंबित

in #crime8 months ago (edited)

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  • आबकारी विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर भी होगी कार्यवाही

  • जगदीशपुर पुलिस और आबकारी विभाग की मिली भगत से पीड़ित की करोड़ों की जमीन को हथियाने का किया गया प्रयास

  • पुलिस महानिदेशक से शिकायत के बाद आगरा पुलिस हुई अलर्ट, पुलिस उपायुक्त सिटी की जांच में दोषी पाए गए तत्कालीन थाना प्रभारी जगदीशपुर एवं अन्य पुलिस कर्मी

आगरा। ताज नगरी में पुलिस और आबकारी विभाग की मिली भगत से गरीबों का आशियाना तो उजड़ ही गया देश कीमती करोड़ की जमीन पर भी रातों-रात कब्जा जमा लिया गया। जब मामला तूल पकड़ा तो जांच डीसीपी को दी गई। डीसीपी सिटी की जांच में तत्कालीन एसओ जगदीशपुर सहित चार पुलिसकर्मी निलंबित कर दिए गए इसके साथ ही आबकारी मामले में झूठा मुकदमा दर्ज करने के मामले में आबकारी निरीक्षक के खिलाफ भी कार्रवाई करने की संस्तुति आबकारी विभाग से पुलिस कमिश्नर द्वारा की गई है।

यह पहली बार नहीं हुआ जब आगरा पुलिस पर इस तरीके के गंभीर आरोप लगे हो और पुलिसकर्मी निलंबित हुए हों। पूर्व में भी कई मामलों में आगरा के पुलिसकर्मियों पर इस तरह की कार्रवाई हुई है। बावजूद इसके आगरा पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी सुधरने का नाम नहीं ले रहे बाल के षड्यंत्र में शामिल होकर काली कमाई करने में जुटे हैं।

आगरा में बैनारा फैक्ट्री के पास बीएस कॉम्प्लेक्स के नजदीक बोदला निवासी उमा देवी की चार बीघा जमीन है। जमीन की कीमत करोड़ों में है। उन्होंने डीजीपी को शिकायत की, कहा कि उनके ससुर सरदार टहल सिंह के नाम से चार बीघा जमीन है, ससुर टहल सिंह और पति सरदार जसवीर सिंह का निधन हो चुका है, जमीन उनके कब्जे में थी। उन्होंने जमीन की देखरेख के लिए रवि कुशवाह और उनके भाई शंकरलाल कुशवाह को रख दिया था, यहां 35 वर्ष से दोनों परिवार रह रहे थे। करोड़ों की जमीन पर उनका नेमचंद जैन से विवाद चल रहा था।

जमीन कब्जाने को फर्जी मुकदमा दर्ज करने के आरोप
आरोप है कि जगदीशपुरा पुलिस के साथ मिलकर नेमचंद जैन और उनके साथ जमीन कब्जाने का काम करने वाले लोगों ने साजिश रची। इसके तहत पहला मुकदमा 26 अगस्त 2023 को रवि कुशवाह, शंकरलाल उर्फ शंकरिया और जटपुरा निवासी ओम प्रकाश पर गांजा बिक्री करने का मुकदमा दर्ज करते हुए वाहन सहित गांजा बरामद किया गया और तीनों को जेल भेज दिया। जिस वाहन को जब्त दिखाया गया उसकी नंबर प्लेट फर्जी बताई गई। उसी जगह पर नौ अक्टूबर को आबकारी निरीक्षक ने छापा मारा, मौके से रवि की पत्नी पूनम और बहन पुष्पा और फुरकान को पकड़ा गया, आबकारी की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर तीनों को जेल भेज दिया। इससे चार बीघा जमीन खाली हो गई।

  • रातों रात जमीन पर कब्जा, लगाए सीसीटीवी

रातों रात जमीन पर कब्जा कर लिया गया, टूटी बाउंड्रीवाल बना दी गई, सीसीटीवी लगाने के साथ ही सिक्योरिटी गार्ड भी तैनात कर दिए गए। इस पूरे मामले की शिकायत उमा देवी ने जीडीपी कार्यालय में की, सीओ स्तर के अधिकारियों ने जांच की, जांच करने के बाद ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।

  • एसओ सहित चार पुलिस कर्मी सस्पेंड

मामला गर्माने पर पुलिस कमिश्नर ने डीसीपी सिटी से रिपोर्ट मांगी। डीसीपी सिटी ने अपनी रिपोर्ट में तत्कालीन जगदीशपुरा एसओ जितेंद्र कुमार, मुख्य आरक्षी उपेंद्र मिश्रा, शिवराज सिंह और आरक्षी रविकांत व एसआई विकास कुमार को दोषी माना, भूमिको को संदिग्ध मानते हुए पाया कि दोषी पुलिस कर्मियों की जमीन पर कब्जा कराने में सक्रिय संलिप्पता से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। पुलिस आयुक्त ने डीसीपी सिटी की रिपोर्ट पर एसओ जितेंद्र कुमार वर्तमान में एसओ एमएम गेट हैं, के साथ ही हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल को निलंबित कर दिया है। एसआई विकास कुमार का सहारनपुर तबादला हो गया है वहां रिपोर्ट भेजी गई है, विभागीय जांच एसीपी हरीपर्वत को सौंपी गई है। साथ ही आबकारी अधिनियम के तहत मुकदमा लिखाने वाले आबकारी विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए रिपोर्ट दी जा रही है।

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