डॉ.आंबेडकर विवि के पूर्व कुलपति की मुश्किल बढ़ी,कई प्रोफेसर सहित नौ के खिलाफ कोर्ट में परिवाद दर्ज

in #agra2 years ago

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आगरा। विवि के इतिहास विभाग में तैनात रहे कर्मचारी वीरेश कुमार ने प्रार्थना पत्र दिया था। कर्मचारी की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र में आरोप लगाए गए हैं कि 2015 से इतिहास विभाग में पूर्व वर्षों की अंकतालिकाओं को में गलतियों को ठीक कर संशोधन का कार्य हो रहा था। यह कार्य डॉ. बीडी शुक्ला व डॉ.अनिल वर्मा के निर्देशन में किया जा रहा था। मो. रहीस चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में इतिहास विभाग में कार्यरत था। अंकतालिकाओं में फेरबदल के कई मामलों में शासन और प्रशासन स्तर से जांच और कार्रवाई की जा रही थी। ऐसे में 12 दिसंबर 2020 को इतिहास विभाग में मौजूद संदिग्ध प्रपत्र को तीनों के द्वारा जला दिया गया।

कर्मचारी का आरोप है कि प्रो.अनिल वर्मा ने उसे बाहर जल रहे कागजों को देखकर आने को कहा। जब वह वहां पहुंचा तो उसी समय कुलपति पहुंच गए। वीरेश का आरोप है कि साजिश के तहत उसे मार्कशीट व अन्य प्रपत्र जलाने के मामले में फंसाकर नौकरी से निकाल दिया गया। इस मामले में कर्मचारी ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया। इस पर सुनवायी करते हुए है विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने पुलिस को परिवाद दायर करने के आदेश दिए हैं। अब इस मामले में दो सितंबर की तारीख नियत की गई है। कर्मचारी ने पूर्व कुलपति प्रो. अशोक मित्तल, प्रो. अनिल वर्मा, डॉ. बीडी शुक्ला, प्रो.यूसी शर्मा, प्रो.संजय चौधरी, सहायक कुलसचिव पवन कुमार, अमृतलाल, मोहम्मद रईस, बृजेश श्रीवास्तव पर आरोप लगाए गए हैं।
विश्वविद्यालय के पूर्व संविदा कर्मचारी प्रार्थना पत्र के आधार पर दिए हैं। कर्मचारी ने सभी के खिलाफ स्पेशल सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। प्रार्थना पत्र में कर्मचारी ने सभी पर उसे साजिश के तहत फंसाने, भ्रष्टाचार करने और 10 लाख रुपए की मांग करने के आरोप लगाए हैं।

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