ताजनगरी में गंगादशहरा पर अनोखा स्नान,यमुना भक्तों ने तलहटी में उतर रेत से किया स्नान
आगरा। हिंदू सनातन धर्म में गंगा दशहरा का अपना एक अलग ही महत्व है... यही कारण है कि इस दिन लोग पुण्य अर्जित करने के लिए गंगा, यमुना या अन्य पवित्र नदियों में स्नान कर दान करते हैं... ताज नगरी आगरा में भी दसियों वर्षों से यमुना नदी में स्नान कर लोग पूजा अर्चना करते आए हैं... लेकिन पिछले कई वर्षों से यमुना नदी प्रायः सूख चुकी है... अब नदी में प्राकृतिक जल नहीं बल्कि नालों का सीवर का पानी बहता है... मथुरा और आगरा आते-आते यमुना नाले में तब्दील हो जाती है.... यमुना कनेक्टिविटी अभियान के तहत आज यमुना भक्तों ने गंगा दशहरा के अवसर पर यमुना की रज से स्नान किया....
यमुना भक्तों की पीड़ा थी कि तमाम प्रयासों और जद्दोजहद के बावजूद भी आगरा में बैराज का निर्माण नहीं हो पा रहा है जबकि यह ताजमहल के लिए भी अतिआवश्यक है.... इसलिए आज हम यमुना नदी में उतर कर उनकी रज से ही स्नान कर रहे हैं... इस दौरान डॉ देवाशीष भट्टाचार्य ने बताया कि जिस तरीके से जनप्रतिनिधियों और उन्हें यमुना की तरफ से मुंह मोड़ लिया है वह आने वाले वक्त में उनको उनके को कर्मों की सजा देगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली से लेकर आगरा तक यमुना सिर्फ एक गंदा नाला बन चुकी है... सुप्रीम कोर्ट के तमाम दिशा निर्देशों के बावजूद भी नालों को टेप नहीं किया जा रहा।। कालिंदी कि इस तथा से हम भक्त बहुत दुखी हैं
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