कोरोना की दूसरी लहर जैसा वक़्त भगवान कभी न दिखाए- महापौर नवीन जैन

in #agra2 years ago

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आगरा। हिंदुस्तान समाचार पत्र के समूह सम्पादक शशिशेखर ने आज यहां कहा कि पत्रकारिता हमेशा लीक से हटकर चलने का नाम है। खबर का अकेला प्राणतत्व है "सच।" यदि सच में कुछ मिला देते हैं तो वह कथा हो जाती है, कहानी हो जाती है। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि जब वक्त बदला है तो पत्रकारिता कैसे बचेगी।

शशिशेखर डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के जुबली हॉल में उपस्थितजनों को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। कार्यक्रम था स्वराज्य टाइम्स के पूर्व सम्पादक डॉ. अजय शर्मा की स्मृति में स्मारिका के विमोचन का। शशिशेखर ने कहा कि पत्रकारिता में खतरे कल भी थे और आज भी हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कोलंबिया में खतरे माफ़िया से हैं और हमारे यहाँ माफ़िया हुकूमत भी करते हैं। उन्होंने लोगों को सीख देते हुए कहा कि हमेशा इतिहास का रोना नहीं होना चाहिए, हर युग में अलग प्रकार की चुनौतियां होती हैं और उसी प्रकार उनसे जूझने वाले लोग भी होते हैं।

इस दौरान शशिशेखर ने पुराने दिनों की यादें ताजा कीं और अपनी जवानी व कालेज लाइफ के कई संस्मरण भी सुनाये।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि महापौर नवीन जैन ने भी अजय शर्मा से जुड़ी यादों को साझा करते हुए कहा कि कोरोना की पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर में अधिक जनहानि हुई। ऐसा वक़्त भगवान कभी न दिखाए।

विशिष्ट अतिथि के रूप में मनःकामेश्वर मन्दिर के महंत योगेश पुरी और विश्वविद्यालय प्रो. वाइस चांसलर प्रो. अजय तनेजा ने भी अपने संस्मरण साझा किये। पूर्व आईएएस शशिकांत शर्मा ने भी विचार रखे। कार्यक्रम की शुरुआत माँ शारदा के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन से हुई। स्व. डॉ. अजय शर्मा की धर्मपत्नी मृदु शर्मा भी मंचासीन रहीं।

इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार विनोद भारद्वाज को आनंद शर्मा स्मृति सम्मान, महिला आयोग की सदस्या निर्मला दीक्षित को कमलेश स्मृति सम्मान, वरिष्ठ पत्रकार गोलेश स्वामी को अजय शर्मा स्मृति सम्मान दिया गया। पत्रकारिता में सर्वश्रेष्ठ अंक प्राप्त कर अजय शर्मा गोल्ड मैडल हासिल करने वाले छात्र जैकी और स्मारिका के संपादक भानु प्रताप सिंह को भी सम्मानित किया गया। अतिथियों का स्वागत ब्रजेश शर्मा, शिखा शर्मा, क्यूरी शर्मा, ग्रेनी शर्मा आदि ने किया। संचालन सुशील सरित ने किया।