उत्तर प्रदेश की राजधान लखनऊ में शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीर सावरकर
लखनऊ, 28 मई: उत्तर प्रदेश की राजधान लखनऊ में शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वीर सावरकर पर एक पुस्तक का विमोचन किया। इस मौके पर योगी ने कहा कि वीर भारत का विभाजन रोक सकते थे।जब सावरकर को बात होती है तो उनकी प्रतिभा को छिपाने का प्रयास पहले अंग्रेजों ने और उसके बाद जिनको सत्ता मिली उन्होंने प्रयास किया। जब अटल सरकार ने पोर्ट ब्लेयर मे एक स्मृति लगाई थी तब कांग्रेस सरकार ने उस राष्ट्रनायक को अपमानित किया था। योगी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यदि उसने सावरकर की बात मानी होती तो आज देश का विभाजन नहीं हुआ होता।
इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित हुआ कार्यक्रम
योगी ने यह बातें इंदिरागांधी प्रतिष्ठान में आयोजित एक पुस्तक विमोचन समारोह के दौरान कही। योगी ने कहा कि उनसे बड़ा क्रांतिकारी, कवि और दार्शनिक कोई नहीं था। वे असमान्य थे। एक ही जन्म मे दो आजीवन कारावास। वहां एक छोटी सी कोठरी मे दीवारों पर नाखुन और बरतन से लिखावट बनाना य़ह उन्होंने उस कोठरी में किया। मैं उस कोठरी मे गया था। अंग्रेज उनसे भयभीत रहते थे। जहां फांसी दी जाती उसके सामने उन्हें कोठरी मे रखा गया था।
सावरकर ने अपने आदर्शों से समझौता नहीं किया
योगी ने कहा कि सावरकर की पैतृक संपत्ति उनको नहीं वापस की गई थी। उन्होंने कहा था कि हमारी लड़ाई एक चौथाई भारत को वापस लेने की है। हिन्दुत्व शब्द सावरकर की देन है। उन्होंने हिन्दू की परिभाषा भी दी थी। दुर्भाग्य से सत्ता लोलुप लोगों ने सावरकर की तुलना जिन्ना से की। उन्होंने इसका खंडन किया था। उन्होंने कहा था कि जिन्ना की दृष्टि संकीर्ण थी। उन्होंने कहा था कि हर धर्म पर एक ही कानून लागू किया जाए। उन्होंने अपने मुद्दों और आदर्शों से कोई समझौता नहीं किया था।
सावरकार की बात कांग्रेस ने मानी होती तो विभाजन नहीं होता
सीएम ने कहा कि भारत की स्वतंत्रता का क्या स्वरूप हो वह रूप आज दिख रहा है। विचार कभी नहीं मरता है। वीर सावरकर की दृष्टि आकार लेती है। आज उसके रूप दिख रहे हैं। अगर सावरकर की बात कांग्रेस ने मानी होती तो विभाजन नहीं होता। हमको देश के विभाजन को नहीं भूलना होगा। उस समय का नेतृत्व कमजोर था। पाकिस्तान कोई वास्तविकता नहीं हो सकती। सावरकर ने कहा था पाकिस्तान आएंगे जाएंगे मगर हिन्दुस्तान हमेशा रहेगा। नेशन फर्स्ट को अपनाना होगा। अगले 25 साल का विजन स्पष्ट करना होगा। हमने नेशन फर्स्ट को अपनाया होता तो 62 और 65 के युद्ध के परिणाम कुछ और होता।
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source: oneindia.com