चुनावी दौर में अवैध शराब दिन दहाड़े ग्रामीण क्षेत्र में हो रही सप्लाई

in #mp2 years ago

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मध्यप्रदेश में चुनाव अभी खत्म भी नही हुईल यहां तक कि गाँव गलियों में चुनाव के प्रचार प्रसार के लिए ग्रामवासियों का जमावड़ा लगा रहता है साथ ही शासन ने अचार संहिता भी जारी की है लेकिन इसका असर अवैध शराब सप्लाई करने वालो पर क्यो नही पड़ रहा है। शराब दुकान और गोडाऊन से बगैर नम्बर वाली गाड़ियों से भर कर शराब माफिया बैतूल जिले की सबसे बड़ी नगर पालिका क्षेत्र के गली मौहल्ले में गंदगी का अंबार लगा है और गंदगी के बीच नगर वासियों के जीवन से क्षेत्र में खिलवाड़ होता है। नगर पालिका क्षेत्र में शराब की शुरुआत बगडोना से होते हुए, शोभापुर, कालीमाई, पाथाखेड़ा, सारनी, पुरानी बस्ती, मछली काटा में सुबह के 4 से 6 बजे और शाम 4 बजे से देर रात 8 बजे तक सप्लाई होती है। कुछ कुछ स्थानों पर तो दिन दहाड़े ही शराब का परिवहन किया जाता है। वही सारनी के वार्डों में माफियाओं ने अपना अड्डा जमा लिया है। शराब के परिवहन को न ही कोई पुलिसकर्मी रोकता है ना ही को कोई आबकारी अधिकारी। क्योंकि आबकारी कार्यालय तो सिर्फ नाम का है। जहाँ न कोई अधिकारी होता है ना कोई कर्मचारी क्योंकि खुली अनुमति तो आबकारी अधिकारियों को होती है।जहा तक खुलेआम बिकने वाली शराब बड़े पैमानों में वाहनों से सप्लाई की जाती है। तो इससे अंदाज लगाया जा सकता है कि यह काम प्रशासन की नाक की नीचे नहीं हो सकता है। रोजाना रातो रात हजारो पेटी शराब बेची जाती है। वो भी अवैध तरीके से। सारणी नगर पालिका क्षेत्र से होते हुए मोरडोंगरी, बाकुड़, विक्रमपुर, धसेड़ घोघरी में बड़ी मात्रा में शराब परोसी जाती है। क्या यह एक उचित कार्य है।यह तो कहना मुश्किल होगा कि शराब बेची जाती है या कमीशन में लेकिन अगर आबकारी विभाग इस मिशन में कार्यवाही करे तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। शराब लेने के लिए शराब दुकान है या फिर किराना दुकान ? देखने मे यह आ रहा है कि रोजाना शराब दुकानों में पब्लिक कम और किराना दुकानों में ज्यादा देखने को मिलती है। इसका कारण यह है कि दुकानों में किराना सामग्री नहीं शराब बेची जाती है।

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