वैज्ञानिकों ने दादी के मस्तिष्क का परिक्षण कर विश्व की सबसे अधिक स्थरबुद्धी का दिया था खिताब
नगर में ब्रह्माकुमारी का पुण्यस्मृति दिवस मनाया:-
नगर. कस्बे की प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के उप सेवा केन्द्र पर पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी जानकी का चौथा पुण्यस्मृति दिवस राजयोगिनी हीरा बहन की अध्यक्षता में मनाया गया ।
बुधवार को आयोजित किये गए कार्यक्रम में ब्रह्माकमारी बहनों सहित संस्था के अन्य लोगों ने दादी जानकी के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पान्जली अर्पित की । केन्द्र प्रभारी राजयोगिनी हीरा बहन ने दादी के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दादी जानकी को विदेही जनक भी कहते थे। वे सिन्ध, हैदराबाद में सम्पन्न व धार्मिक परिवार में वर्ष 1916 में जन्मी थी तथा दिनांक 27 मार्च
2020को 104 वर्ष की आयु में देह और देह की दुनिया को छोड़ परमात्मा की गोद में चली गई। उन्होंने बताया कि वैज्ञानिकों ने दादी के मस्तिष्क का परिक्षण कर विश्व की सबसे अधिक" स्थरबुद्धी" का खिताब दिया था। दादी अपने कर्त्तव्य से गुणदान करने वाली महान आत्मा थी। वे सदा विदेही स्थति में स्थित रहती थी। अपने तपस्वी जीवन में वे सरल, त्यागी व इच्छाओं की आसक्तियो से परे थी। वो सभी के साथ सतोगुणी व्यवहार करतीं थीं। तथा सदा आन्तर्मुखी रहती थी। उन्होंने देश-विदेश में आध्यात्मिक ज्ञान का प्रचार प्रसार के किया तथा करीब 70 हजार किलोमीटर की यात्राएं की । कार्यक्रम के दौरान ब्रह्माकमारी संध्या बहन, तारेश बहन, प्रीती बहन, निकिता बहन, रामकली देवी, हरदेवी, सरोज, तिलकराज, रामसिंह, रामचरण व मूलचन्द आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।