ग्रामीणों के रोजगार का साधन बना तेंदूपत्ता, पत्ते की तुडाई कर चला रहे घर का खर्च

in #jabera2 years ago

ग्रामीणों के रोजगार का साधन बना तेंदूपत्ता, पत्ते की तुडाई कर चला रहे घर का खर्चIMG_20220512_222418.jpg
जबेरा। जंगल लोगों के रोजगार का कितना बड़ा साधन है इसकी बानगी वर्तमान में देखी जा सकती है, वर्तमान में तेंदू के पेड़ पर लगे पत्तों की तुड़ाई का कार्य वन विभाग द्वारा करवाया जा रहा है, तेंदू पत्तों को तोड़ने का रोजगार स्थानीय लोगों को मिलता है और वह अपना पंजीयन कराकर यह कार्य कर रहे हैं। जबेरा अंचल में बड़ा जंगल है और यहां पर तेंदू के पेड़ों की भरमार है ऐसे में स्थानीय लोगों को अच्छा खासा रोजगार मिल रहा है। वन विभाग द्वारा स्थानीय लोगों का तेंदूपत्ता संग्राहक कार्ड समिति के माध्यम से बनाये गये हैं, और इस कार्ड पर परिवार के कई सदस्य यह तेंदूपत्ता तुड़ाई का कार्य कर रहे है। वर्तमान में दमोह जिले में 10 हजार से अधिक तेंदूपत्ता संग्राहक कार्ड बने हुए हैं जिनमें 21 हजार से अधिक लोग संग्राहक कार्य कर रहे हैं। समिति के माध्यम से होने वाले इस कार्य में प्रत्येक मजदूर को 300 रूपये प्रति सैकड़ा बंडल की मजदूरी दी जाती है, एक बंडल में 50 तेंदू के पत्ते रहते हैं। इसके बाद जब समिति को इस तेंदू पत्ते से जो लाभ मिलता है उसमें से इन मजदूरों को बोनस भी दिया जाता है। तेज गर्मी की वजह से तेंदूपत्ता संग्राहक सुबह तडके से ही अपने कार्य में जुट जाते हैं और तेज धूप होने तक वापस घर लौट आते हैं। ऐसे में एक संग्राहक 1 दिन में करीब 300 रूपये तक का कार्य कर लेते हैं। यह कार्य लगातार जारी है और स्थानीय लोगों को अपने परिवार का खर्च चलाने के का साधन मिल रहा है। वन मंडल अधिकारी एमएस उ‌ईके ने बताया की तेंदूपत्ता संग्रहण का कार्य लगातार जारी है और लोगों को इससे रोजगार मिल रहा है। बता दें कि तेंदूपत्ता से बीड़ी उद्योग चलता है और भारत में बीड़ी का एक बड़ा बाजार है, ऐसे में तेंदूपत्ता की मांग अधिक रहती है।IMG_20220512_222401.jpgIMG-20220512-WA0048.jpgIMG-20220512-WA0049.jpg