एक बाबड़ी पूरे गांव की बुझाती है प्यास, बाबड़ी के संरक्षण के आस

in #jabera2 years ago

एक बाबड़ी पूरे गांव की बुझाती है प्यास, बाबड़ी के संरक्षण के आस
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तेंदूखेड़ा जनपद की ग्राम पंचायत चंदना के गांव खारी मैं अति प्राचीन कलचुरी काल की बाबड़ी जो सालों तक लोगों की प्यास बुझाती चली आ रही है । यह बावड़ी अपने प्राचीन गौरव व इतिहास की साक्षी भी बनी है। समय के साथ जलस्रोत के अन्य साधन भी सामने आए तो लोग इनको भूलने लगे हैं। आज यह बाबड़ी अपने संरक्षण की आस संजोय हैं। प्राचीनता के साथ इनकी सुंदरता तो कम नहीं हुई, लेकिन मरम्मत के अभाव में इनकी भव्यता में कमी आ रही है। खारी गांव में बनी बावड़ी की दुुर्दशा को बता रही है। यह प्राचीन बावड़ी इतनी भव्य व आकर्षक है कि इन्हें देखते ही लोगों की आंखों ठहर जाती हैं। बावड़ी बहुत पुरानी है। इनके संरक्षण के प्रति शासन को ध्यान देना चाहिए जहा गर्मी के मौसम में जल स्रोत सुख गए वही खारी ग्राम के लोग
आज भी गर्मी भर इसी बावड़ी से पानी भरते हैं। पूरे गांव में पेयजल का कोई अन्य स्रोत नही है पानी की किल्लत हो जाती है तब भी यह बावड़ी लोगों की प्यास बुझाती है। लेकिन संरक्षण के अभाव में यह क्षतिग्रस्त हो चुकी है।
पशुओं के पानी पीने की व्यवस्था नही ग्रामीणों तालाब निर्माण की मांग की,
गांव में लोगों को पीने के पानी का सहारा भले ही प्राचीन वावड़ी बनी हुई लेकिन अन्य कोई जल स्रोत नही होने से पशुओं को पानी पीने की व्यवस्था नही है इससे मवेशियों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। गांव में कहीं भी मवेशियों के लिए पानी की सुविधा नहीं है। ग्रामीणों में गांव में तालाब निर्माण की मांग शासन प्रशासन से की हैIMG-20220511-WA0027.jpg