असहाय बच्चों के लिए ‘मां’ साबित हो रहीं डीपीओ

in #mirzapur2 years ago (edited)

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• लावारिश मिले चार बच्चों को एनआरसी पहुंचाया।
• आरबीएसके के तहत भी मदद के लिए पहल की।
नित्यवार्ता डेस्क : विकास तिवारी
मिर्जापुर। अले, अले, अले, अले कितना प्यारा बच्चा है। मैं तुम्हारी मम्मी जैसी हूं। चलो, मेरे घर चलोगे। मुस्कराओ, मुस्कराओ और मुस्कराओ... अब मेरी बात सुनो। मुस्कराते-मुस्कराते यह दूध पी लो, फिर खूब बड़े हो जाओगे और फिर हम दोनों घूमने चलेंगे। क्षेत्र भ्रमण के दौरान कुछ ऐसा ही लाड़-प्यार भरा व्यवहार दिखता है जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) वाणी वर्मा का। खास बात यह कि डीपीओ अपने भ्रमण के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को भी बच्चों और महिलाओं से बेहतर व्यवहार संबंधी टिप्स देती रहती हैं। बाल विकास विभाग में कार्यरत जिला कार्यक्रम अधिकारी वाणी वर्मा बताती हैं कि अधिकांश समस्या के हल में व्यवहार का स्थान अहम होता है। मां का बच्चे के प्रति भी संतुलित व्यवहार होना चाहिए। उन्होंने बताया कि जनपद के सभी आंगनबाड़ी केन्द्र समय से खुल रहे हैं। जिले में सूखे राशन का वितरण भी किया जा रहा है। आंगनबाड़ी केन्द्रों के जरिए नवम्बर से अब तक 216 बच्चों को भर्ती किया गया है। 184 बच्चे स्वस्थ्य होकर अपने घर भी लौट चुके हैं।

  • सराहनीय पहल-
    फील्ड विजिट के दौरान विकास खण्ड चुनार के देवीयानी कलां ग्राम में बिन मां के चार बच्चे मिले थे। सूचना मिलते ही डीपीओ वहां पहुंचीं और तत्काल अपनी गाड़ी में बैठाकर मण्डलीय चिकित्सालय स्थित एनआरसी सेन्टर में भर्ती कराया। वहां तैनात स्टाफ नर्स कालिन्दी यादव की मदद से बच्चों के महीने भर के खानपान की व्यवस्था की। इसके अलावा हाल ही में चील्ह विकास खण्ड के लखनपुर गांव के 5 वर्ष बच्चे का आरबीएसके के तहत उपचार के लिए कानपुर भिजवाया। सभी बच्चे अब स्वस्थ हैं।