जैन स्थानक में वैराग्न बहन के द्वारा 11 व्रत करने पर मेहंदी रस्म का आयोजन

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कांधला नगर के श्री श्वेताम्बर जैन स्थानक में विराजमान जैन साध्वी के पास वैराग्न बहन के द्वारा 11 दिनों के उपवास के बाद मेहंदी रस्म का आयोजन किया गया। जिसमें महिलाओं ने मंगल गीत गाकर वैराग्न बहन के उज्जवल भविष्य की कामना की। नगर के श्री श्वेताम्बर जैन स्थानक में कोकिल कंठिका श्री मीना जी महराज की सुशिष्या महासाध्वी श्री महक जी महाराज ठाणे 04 चातुर्मास काल के लिए विराजमान है। उनके पास वर्तमान में चार बहनें वैराग काल में है, जो महाराज श्री के चरणों में रहकर आगमों का ज्ञान प्राप्त कर रही है। चातुर्मास के प्रारम्भ होने पर महाराज साहब के साथ 12 वर्षीय वैराग्न तपस्वी बहन भवी जैन ने व्रतों की तपस्या प्रारम्भ की थी। जिसके बाद उसने अपनी भावनाओं के चलते 11 दिनों का उपवास किया। गुरूवार को उनके 11 वां उपवास होने पर जैन स्थानक में मेंहदी रस्म का आयोजन किया गया। जिसमें सैकडों श्राविकाओं ने भाग लिया तथा मंगल गीत गाए गए। इस दौरान छोटे छोटे बच्चों ने धार्मिक कार्यक्रमों भी आयोजित किए गए। बाद में सभी महिलाओं ने तपस्वी बहन भवी जैन को मेहंदी लगाते हुए उसके उज्जवल भविष्य की कामना की। इस दौरान महासाध्वी श्री महक जी महाराज ने सभा को सम्बोधित करते हुए बताया कि भवी जैन शुरू से तपस्या में रत है। उसके द्वारा वर्ष 2020 में 09 व 15 व्रतों की तपस्या के साथ वर्ष 2021 में 31 व्रत तथा 09 आयम्बिल व्रत तथा 2022 में दो अठाईयां पूर्ण करने के साथ इस वर्ष 11 व्रतों की तपस्या की है। उन्होंने बताया कि जैन धर्म मेें व्रत के दौरान कोई भी आहार नही किया जाता है, तपस्या के दौरान सूर्यादय के 48 मिनट बाद से सूर्यास्त के 48 मिनट पूर्व तक सिर्फ पानी का सेवन किया जाता है। मेहंदी रस्म में गौतम प्रसादी की व्यवस्था श्रीमति प्रिया जैन, नवनीत जैन की और से रही।