शायर की कलम से।।।

in #feelings2 years ago

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ना कोई ठिकाना ,ना कोई मंजिल हासिल है,
मैं तेरे काबिल हूं या नहीं , पर तू मेरे काबिल है,
सोचता हूं के कत्ल हो जाऊ तेरे इश्क़ में मैं,
पर कन्ही लोग ये ना कह दे कि तू मेरे कत्ल में शामिल है।।...
✍️ दुष्यंत त्यागी