गाबा टेस्ट को ड्रॉ कराने का मन बना चुके थे रवि शास्त्री

in #wortheum2 years ago

साल 2020 में ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच गाबा में हुए टेस्ट सीरीज में जिस तरह से भारत में जीत अपने नाम की थी, उसे भारत की अब तक सबसे यादगार जीत माना जाता है।

3 टेस्ट मुकाबलों की इस सीरीज को भारत ने 2.1 से अपने नाम किया था। इस सीरीज का निर्णायक मुकाबला गाबा में खेला गया था। 33 सालो मे भारतीय टीम ऐसी पहली टीम साबित हुई जिसने ऑस्ट्रेलिया को इस मैदान पर हार का मजा चखाया था।

गाबा की इस ऐतिहासिक जीत के बारे में बातचीत के दौरान आर अश्विन ने बताया, की रवि शास्त्री उस मुकाबले को ड्रॉ कराने के बारे में सोच रहे थे, लेकिन ऋषभ पंत जब मैदान में आए तब उन्होंने मैच का रुख ही बदल कर रख दिया।

दोस्तो आपको बता दे, की गाबा में हुए इस मुकाबले में भारत के सामने 328 रनो का लक्ष्य पेश किया गया था। भारत की शुरुवात बेहद खराब तरीके से हुई थी, क्योंकि रोहित शर्मा कुछ ही रन बनाकर पवेलियन चले जाए थे,

हालाकि इस दौरान शुभमण गिल 91 और पुजारा ने 56 रनो की महत्वपूर्ण पारियां खेली थी। इसके बाद ऐसा माना जा रहा था, की भारतीय टीम अब ड्रॉ तक पहुंच जाएगी। इस बात के चलते ड्रेसिंग रूम में भी काफी उथल पुथल मच गई थी।

अश्विन ने कहा, की पांचवे दिन के खेल शुरू होने के पहले रवि शास्त्री ने कहा, की वे चाहते है, की हमारी टीम मैच को ड्रॉ करा दे। लेकिन दूसरी ओर टीम के दिग्गज विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने मैदान में जाकर कुछ और ही नजारा पेश किया था, जिसके चलते भारतीय टीम ने ना सिर्फ जीत हासिल की, बल्कि इतिहास रचने में भी सफल हुई।

लेकिन दोस्तो जब अश्विन ने उस समय के टीम के कप्तान रहाने से इस बारे में पूछा तो उन्होंने बताया, की पंत अपने हिसाब से खेलता है। देखते है, क्या होता है? अश्विन ने आगे बताया, की जैसे ही पंत मैदान में गए खिलाड़ी जीत के बारे में सोचकर खुशी मानने लगे थे।

उन्होंने आगे कहा, की ऋषभ पंत में दिमाग में क्या चल रहा है, ये समझ पाना बेहद मुश्किल है, वे कुछ भी कर सकते है। लेकिन उसमे सबसे अच्छी काबिलियत ये है, की वो सोचता है, की वो हर गेंद में छक्का लगा सकता है। कई बार उसे शांत रखना मुश्किल होता है। सिडनी में भी पुजारा ने उन्हे शांत रखने की भरपूर कोशिश की लेकिन वे शांत नही हुए और शतक लगाने से भी चूक गए

बताते चले, की सिर्फ पंत नही बल्कि अश्विन के लिए भी ये सीरीज बेहद यादगार साबित हुई थी। जिसमे उस टेस्ट मैच में न सिर्फ गेंद से बल्कि बल्ले से भी अपना पूरा सहयोग दिया था। सिडनी टेस्ट मैच में वे हनुमा विहारी के साथ आखिर तक डटे रहे और मुकाबले को ड्रॉ कराने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गेंदबाजी की बात करे, तो उन्होंने इसमें भी बहुत बेहतरीन प्रदर्शन दिखाया था। अश्विन ने उन 3 टेस्ट मैचों में 12 विकेट झटके थे।

Picsart_22-06-05_18-25-43-735-747x420.jpg.webp

Sort:  

Nice jobs