खाद की भारी किल्लत किसान परेशान, सुनवाई नही तो होगा उग्र आंदोलन एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
अनूपपुर। डीएपी खाद की किल्लत को लेकर किसान संघ पुष्पराजगढ़ द्वारा तहसील मुख्यालय में आज सैकड़ो किसानों को लेकर एसडीएम को ज्ञापन सौंप कर मांग की गई की अतिसीघ्र किसानों को डीएपी खाद उपलब्ध कराया जाय खाद के लिए किसान दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं किसानों ने इस समस्या का पूरी तरह से विभाग को जिम्मेदार ठहराया है विभाग के आला अधिकारी किसानों की समस्या को सुनने को तैयार नही है खाद नही मिलने पर किसान कभी सरकारी एजेंसी तो कभी विभागीय उच्च अधिकारियों के कार्यालयों में चक्कर लगा रहे हैं। एडवोकेट वंसपाल टांडिया द्वारा बताया गया की जब सहकारी समितियों में खाद नहीं है तो बाजार में दर्जनों प्राइवेट खाद बीज विक्रेताओं के यहां आखिर कहां से खाद आ रहा है जिसे ब्यापारियों द्वारा औने पौने दाम पर छत्तीसगढ़ राज्य से गुणवत्ता विहीन खाद लाकर किसानों को गुमराह कर मनमानी दामो पर विक्रय कर रहे हैं। विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत कर आपसी सांठगांठ बनाकर मोटी रकम कमा रहे हैं। किसानों द्वारा खाद की मांग को लेकर अपनी आवाज बुलंद करते हुये कहा की अगर समय रहते खेतो में खाद का छिड़काव नहीं किया गया तो पूरी फसल चैपट हो जाएगी जिससे कृषि आधारित क्षेत्र में किसानों की पैदावार में भी गहरा असर पड़ेगा उन्होंने अपनी मांग को लेकर दिये गये ज्ञापन में उल्लेख किया गया की अगर 05 दिवस के भीतर सहकारी समितियों में डीएपी खाद का समुचित भंडारण नही कराया जाकर कृषकों को उपलब्ध नहीं कराया गया तो समस्त किसानों द्वारा सामूहिक रूप से अपनी मांग को लेकर उग्र आंदोलन करेंगे।
इनका कहना है
रोपाई के समय किसानों को खाद नहीं मिल पा रहा है जिससे किसान कृषि कार्य छोड़कर तहसील मुख्यालय का चक्कर काट रहे है जिसको मांग को लेकर आज हमारे द्वारा एसडीएम महोदय को ज्ञापन सौंपा गया है।
यशोदा पाटले एडवोकेट
पूरे अनूपपुर जिले में डीएपी खाद की कमी है मेरे द्वारा विभागीय अधिकारियों से बात की गई है 02 दिवस में सभी समितियों में 500 बोरी यूरिया एवं एक सप्ताह के अंदर 200 बोरी कंपोजिट खाद उपलब्ध करा दिया जाएगा।
अभिषेक चैधरी एसडीएम पुष्पराजगढ़
रैक लग चुका है दो दिन के भीतर सभी जगह खाद की प्रतिपूर्ति कर लिया जाएगा और अगर बाजार में किसी दुकान में खाद बिक रहा है तो आप नाम बताइये मैं कार्यवाही करवाता हूं।
एन डी गुप्ता उप संचालक कृषि