वनविभाग के कर्मचारियों ने मजदूरों पर किया हमला, सोती रही पुलिस, नही हुआ मामला दर्ज

in #labour2 years ago

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विगत 10 दिनों से मजदूरी भुगतान का आश्वासन देकर आज मजदूरों को कर दिया गली गली, अनूपपुर कोतवाली के सामने हुआ मजदूरों पर हमला

अनूपपुर

वनविभाग अनूपपुर में लगभग 1 वर्ष से पौधा रोपण का भुगतान राशि अधर में है. मजदूरों के बताने के मुताबिक 2×2 के 12379 गड्ढे 32.30₹ के दर से करवाए गए थे, जिसमें 2897 गड्ढों का भुगतान अभी भी शेष है, लेकिन जिस दर से गड्ढे करवाए गए थे उस दर से मजदूरी भुगतान नहीं हुआ है. मजदूरों का कहना है कि हमें 25₹ के दर से मजदूरी भुगतान हुआ है. तो वहीं 0.30×0.30 के 24813 गड्ढे करवाए गए थे. जिसमें मजदूरी दर 9.69₹ देने की बात कह के 6 रुपए के दर से मजदूरी भुगतान हुआ है. व साथ ही 4500 गड्ढे का पैसा अभी भी शेष है. इन्हीं बकाया राशि को लेने के लिए मजदूर विगत 1 सप्ताह से भी ऊपर अनूपपुर वनविभाग कार्यालय में डेरा जमाए हुए थे. डिप्टी नाकेदार अमरकंटक रेंजर ने उमरिया गाँव काईधाम के निवासी मजदूरों को बुलवाकर काम तो करवा लिया. लेकिन मजदूरों बकाया भुगतान राशि देने में आनाकानी करने लगे. कहीं उनसे बैंक खाता नंबर की मांग करते हैं तो कभी मजदूरी भुगतान न मिलने की बात कहते हैं.

किसकी सह पर हुआ आज मजदूरों पर हमला

आज सुबह वन विभाग में बकाया मजदूरी भुगतान को लेकर डेरा जमाए मजदूरो पर हमला किया गया. मजदूरों ने बताया कि हम सब सोकर उठे थे, और मुँह-हाथ धुलकर खाने पकाने के लिए बैठे थे. तभी वन विभाग के 1 स्टार कर्मचारी ने माँ-बहन की गाली देते हुए पुरुषों सहित महिलाओ पर लात-घूंसा वो डंडे से हमला कर दिया. व साथ ही खाना पकाने के चढ़ी भट्टी पर लात मारते हुए माँ-बहन की भद्दी-भद्दी गालियां देते हुए कहा कि चलो जाओ.......... यहाँ कोई मजदूरी भुगतान नहीं होगा और न हमारे पास पैसे हैं.

वन मण्डलाधिकारी सहित कर्मचारियो ने उक्त मामले से झाड़ा पल्ला

इस पूरी घटना कि रिपोर्ट लेने जब मीडिया वनविभाग पहुंची तो एसडीओ सहित कर्मचारी नदारद पाए गए पूछे जाने पर कहा अभी साहब नहीं हैं और जब एसडीओ से इस मामले में बात की गई तो उन्होंने मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा की हमारे यहाँ से मजदूरी भुगतान नहीं होना है और मुझे घटना की जानकारी नहीं है. वहीं वनमंडलाधिकारी ने भी यह कहा की मुझे घटना की जानकरी नहीं है मैं विभाग से बात करके बताता हूँ।

कोतवाली में नहीं लिखा गया एफआईआर

मजदूरो के साथ हुई घटना की रिपोर्ट लिखाने जब मजदूर अनूपपुर कोतवाली पहुंचे तो पुलिस ने यह कहके भगा दिया की तुम लोगो पर हमला किसने किया है, पहले यह पता करके आओ. मजदूर निराश वो हताश होकर घर जाने के लिए बस स्टैंड में जाकर बैठ गए. इस बात की जानकारी जब मीडिया को हुई तो मीडिया ने आनन फानन मामला कायम करवाने के लिए पुलिस अधिकारियों से बात की लेकिन अनूपपुर कोतवाली में पुलिस अधिकारी मीडिया को ही धता बताने में लगे हुए थे. कोतवाली अनूपपुर में घंटो हंगामा होने के बाद थाना प्रभारी जब आए तो मजदूरो से लिखित आवेदन देने को कहा और मामले की निष्पक्ष जाँच का आश्वासन दिया. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि अनूपपुर कोतवाली के सामने मजदूरों पर हमला हो गया और पुलिस विभाग सोती रही यह बेहद हास्यास्पद है।

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वन विभाग की तानाशाही