बनगवां में निर्दलीयों का कब्जा तो डोला में परिषद बनाने की करीब पहुंची भाजपा

in #election2 years ago

IMG_20220720_185905.jpgडूमर कछार में कांग्रेस का सूपड़ा साफ, बनगवां में निर्दलीयों का कब्जा तो डोला में परिषद बनाने की करीब पहुंची भाजपा
अनूपपुर। कोयलांचल की तीनों नई नगर परिषद बनगवां डोला एवं डूमर कछार में आज मतगणना संपन्न हुई जहां कई चैंकाने वाले तथ्य सामने आए, मतगणना शुरू होते ही कई कयास लगाए जा रहे थे जहां जनता ने कई चैकानेवाले तथ्य सामने प्रस्तुत किए जिसमें नगर परिषद बनगवां में पांच भाजपा प्रत्याशी, एक कांग्रेश तो 9 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत हासिल की जिसमें वार्ड क्रमांक 04, 11, 14, 12 के नतीजे काफी चैकाने वाले रहे जहां भाजपा एवं कांग्रेस के दिग्गजों को निर्दलीयों ने मात दी तो वार्ड क्रमांक 14 के प्रत्याशी यशवंत कुमार सिंह ने सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा प्रत्याशी सुरेश गौतम को 267 वोटों से मात दी वही नगर परिषद डूमर कछार में मतदाताओं ने कांग्रेस का सुपाड़ा ही साफ कर दिया जहां कांग्रेस अपना खाता खोल भी नहीं पाई जिसमें भाजपा ने 10 सीटों पर तो निर्दलीयों ने 5 सीटों पर जीत हासिल की जहां भाजपा पूर्ण बहुमत से परिषद बनाने की स्थिति में है वही नगर परिषद डोला में 6 सीटों पर भाजपा 4 सीटों पर कांग्रेश एवं 5 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है कुल मिलाकर इस पूरे चुनाव में मतदाताओं ने इस बात को साबित कर दिया है कि मतदाता भले ही भाजपा से कुछ मुद्दों पर नाराज हो सकते हैं किंतु वह किसी भी स्थिति में कांग्रेस के साथ जाने की स्थिति में नहीं है वही बनगवां में जिन 9 सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशियों ने जीत हासिल की है उसमें से 7 सीटों पर भाजपा से संबंधित प्रत्याशी जो किसी कारणवश नाराज होकर भाजपा के विरुद्ध लड़े थे वह जीत हासिल किए हैं जिसे मना कर भाजपा अपनी परिषद बनाएगी वही डोला में भी भाजपा परिषद बनाने की स्थिति में है कुल मिलाकर तीनों नगर परिषदों में कांग्रेस का सुपड़ा साफ है और कांग्रेश विपक्ष में बैठने की स्थिति में भी दिखाई नहीं दे रही वहीं इस पूरे जीत से भाजपा कार्यकर्ताओं में हर्ष है तो जगह-जगह जुलूस निकाले जा रहे हैं वहीं भाजपा जिला अध्यक्ष बृजेश गौतम ने नगर परिषद राजनगर डोला एवं डूमर कछार के मतदाताओं का आभार व्यक्त किया है वही नगर परिषद डूमर कछार में जहां भाजपा ने कांग्रेश का खाता तक नहीं खुलने दिया उसमें भाजपा के निर्विरोध प्रत्याशी के रूप में जीत कर आए सुनील चैरसिया की रणनीति को महत्वपूर्ण माना जा रहा है जिनके द्वारा चुनाव संचालन समिति के सदस्यों से तालमेल बनाकर एक गहन रणनीति के तहत सभी भाजपा प्रत्याशियों को जीत दिलाने में आम भूमिका निभाई है।