धूम्रपान से फेफड़ों के साथ दिलोदिमाग को भी होता है नुकसान
तंबाकू (Tobacco) और धूम्रपान (Smoking) को लोग फेफड़ों और कैंसर से ही जोड़ कर देखते हैं. जबकि हकीकत यह है कि इनसे कैंसर से ज्यादा हृदय और रक्तवाहिनी संबंधी रोग (Cardiovascular Disease) ज्यादा होते हैं. इनकी वजह से मरने वालों में हृदय और रक्तवाहिनी रोग, ब्रेन स्ट्रोक से मरने वालों की संख्या कहीं ज्यादा होती है. यहां तक कि निष्क्रिय धूम्रपान भी सेहत के लिए बहुत ज्यादा नुकासानदेह होता है.
सामान्यतः धूम्रपान (Smoking) और तंबाकू सेवन (tobacco consumption) को लोग केवल फेफड़ों के लिए ही नुकासनदेह मानते हैं. लेकिन इससे पूरे शरीर को नुकसान होता है. आज की जीवनशैली जिसमें अस्वस्थ बर्ताव, शारिरिक के साथ साथ मानसिक सेहत के प्रति लापरवाही, स्वास्थ्य की कीमत पर पैसे के पीछे भागना जैसी आदतें शामिल हैं, कई तरह की समस्याओं को आमंत्रित करती है. इस जीवन शैली में धूम्रपान की आदत समस्याओं को गंभीर करने का काम ही करती है. तंबाकू का सेवन और उसमें भी धूम्रपान लोगों को जानलेवा कैंसर तक देने का कारण बनता जा रहा है. इतना ही नहीं हकीकत यह है कि इससे दिल और दिमाग (Brain And Heart) को भी नुकसान होता है.
लोगों को जागरूक करने की जरूरत
तंबाकू उद्योग की वजह से 25 बीमारियां का संबध है. तंबाकू उत्पादों के चबाने से या धूम्रपान के जरिए जहरीले रसायन लोगों के शरीर में घुस जाते हैं और इतना नहीं अब तंबाकू के नशे हुक्का जैसे कई नए रूपों में युवाओं तक पहुंचने लगे हैं. ऐसे में लोगों को तंबाकू के स्वास्थ्य संबंधी नुकसानों और सही जानकारी से अवगत करना बहुत जरूरी है.
हृदय और रक्तवाहिनियों को ज्यादा नुकसान
तंबाकू और उसके उत्पादों का कई तरह के तरह के कैंसर से संबंध है. इसके अलावा तंबाकू और धूम्रपान दिल, खून की धमनियों को भी नुकसान पहुचाते हैं. इंडियन एक्सप्रेस के लेख में डॉ श्रीनाथ रेड्डी के मुताबिक तंबाकू और धूम्रपान की वजह से दुनिया में बहुत से लोग कैंसर के मुकाबले हृदय एव् रक्तवाहिनी संबंधी बीमारियों से ज्यादा मरते हैं.
दिल पर चौतरफा हमला
धूम्रपान का तंबाकू इंसान के शरीर में कई तरह के रसायन छोड़ता है. इनमें से निकोटीन , कार्बन मोनॉऑक्साइड विशेष तौर पर खून की नसों को नुकसान पहुंचाने का काम करते है. जहां निकोटनी खून की धमनियों को संकुचित कर देता है, कार्बन मोनोऑक्साइड धमनियों की दीवारों को नुकसान पहुंचाता है .धूम्रपान से फायदेमंद एचजीएल कैलेस्ट्रॉल कम होता है तो वहीं हानिकारक एलडीएल बढ़ता है.
हृदयाघात और खून का थक्का
धूम्रपान और तंबाकू सेवन ट्रिग्लीसिराइड लेवल बढ़ाकर डायाबिटिज और हृदयाघात के जोखिम को कई गुना बढ़ाता हैं और खून का थक्का जमने में योगदान देता है. रक्तावहिकाओं के खराब होने से धीरे धीरे अवांछनीय पदार्थ जमा होने लगते हैं. जो अधिक होने पर खून के बहाव को रोकने का काम करते हैं इससे हृदयाघात की संभावना बहुत बढ़ जाती है. इतना ही नहीं धूम्रपान से खून का थक्का बनाने वाले प्रोटीन भी ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं जिससे प्लेटलेट एक जगह जमा होने लगते हैं. इसी का नतीजा खून के थक्के के रूप में दिखाई देता है.