पंचायतराज विभाग घप्लेबाजों पर हुआ मेहरबान

in #unnao2 years ago

उन्नाव: नवाबगंज विकासखंड के अंतर्गत जांच में 12.18 लाख रुपये के सरकारी धन के दुरपयोग का मामला पकड़ा गया था। एक सप्ताह में डीपीआरओ ने प्रधान व सचिव से स्पष्टीकरण माँगा था लेकिन विभागीय सांठगाँठ के चलते पूर्व प्रधान व सचिव पर अभी तक कार्यवाही न होना चर्चा का विषय बना हुआ है। इसी तरह का दूसरा मामला सफीपुर विकासखंड की गहोली ग्राम पंचायत का है। जिसमे भी सरकारी धन के दुरपयोग का मामला पकड़ा गया था लेकिन दोनों स्थानों पर विभाग मेहरबान बना हुआ है।
बताते चले कि नवाबगंज विकासखंड की ग्राम पंचायत जंसार के प्रधान पवन शर्मा ने डीएम को दिए गए शिकायतीपत्र में बताया था कि उसके पूर्व के कार्यकाल में कागजों पर शौचालयों का निर्माण कराकर लाखों रुपये हड़प लिए गए। इसमें प्रधान व सचिव का गठजोड़ शामिल था। डीएम ने डीपीआरओ को जांच के आदेश दिए थे। डीपीआरओ निरीशचंद्र साहू के निर्देश पर सहायक जिला पंचायतराज अधिकारी (प्राविधिक) शेष नारायण शर्मा ने 31 मार्च को गांव जाकर जांच पड़ताल की थी। जांच के दौरान एक, एक शौचालयों का स्थलीय निरीक्षण किया। अभिलेखों का मिलान किया। गहनता से जांच करने के बाद एडीपीआरओ ने जो रिपोर्ट दी उसमें पाया कि कागजों में 100 ऐसे लाभार्थियों के नाम 12 हजार रुपये की धनराशि शौचालय निर्माण के नाम पर दिखाई गई है असलियत में वह शौचालय मौके पर बने ही नहीं हैं। इस रिपोर्ट के आधार पर डीएम रवींद्र कुमार ने पूर्व प्रधान अनीता त्रिपाठी व सचिव दीपक मिश्रा को दोषी माना और दोनों को कारण बताओ नोटिस जारी करके एक सप्ताह में अपना स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए थे। जिला पंचायतराज अधिकारी निरीशचंद्र साहू ने बताया कि शौचालय निर्माण में 12.18 लाख रुपये के सरकारी धन का दुरुपयोग मिला है। इसके लिए पूर्व प्रधान व सचिव को डीएम की ओर से नोटिस जारी की गई है। सात दिन में इसका जवाब मांगा गया है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर एफआईआर दर्ज कराने के साथ घोटाले की धनराशि की वसूली की जाएगी।
(मामला नंबर- दो) डीपीआरओ निरीश चंद साहू अचानक सफीपुर की गहोली ग्राम पंचायत पहुंच गए थे। जहाँ पर निरीक्षण के दौरान अनेक खामियां देखने को मिली थी। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2019-20 में बने पंचायत भवन का निरीक्षण किया था। मौके पर टाइल्स धंसी मिली थी। भवन की खिड़कियां लगाई ही नहीं गई थी। कमरे के अंदर गंदगी के ढेर लगे थे। बाहर लगे हैंडपंप पर प्लेटफार्म भी नहीं बनाया गया था। जिससे वहां पर जलभराव था। वहीं पर प्राथमिक विद्यालय हमजापुर में लगा हैंडपंप खराब मिला। विद्यालय के कमरों की फर्श टूटी मिली। शौचालय जर्जर और छतिग्रस्त थे। साथ ही रैंप और सीढ़िया भी छतिग्रस्त थी। डीपीआरओ ने प्रधान और सचिव से स्पष्टिकरण तलब किया गया था। समय से संतोषजनक उत्तर न मिलने पर खामियों पर सरकारी धन की रिकवरी और अन्य कार्रवाई की बात कही थीलेकिन एक पखवारा बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही सम्बंधित लोगों पर न होने से पंचायत राज विभाग पर तरह तरह की टिप्पणी कर रहे है।