डर के साए में हो रहा विद्याध्ययन

in #school2 years ago

IMG-20220721-WA0033-1.jpg
जनपद पंचायत सिवनी अंतर्गत शहर सीमा से लगे अनेक स्कूल भवनों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। स्कूल की दीवारों से बारिश का पानी कहीं सीपेज हो रहा है तो कहीं छत का प्लास्टर गिर रहा है। प्लास्टर के गिर जाने व कुछ जगहों का प्लास्टर गिरने की कगार में पहुंचने से उक्त कक्षा में विद्या अध्ययन करने जमीन पर बैठे छात्र-छात्राओं छात्र-छात्राएं डर के साए में पढ़ने मजबूर हैं। ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा घट जाए इससे इंकार नहीं किया जा सकता है।
शहर सीमा से लगी शासकीय प्राथमिक शाला राधादेही स्कूल भवन के एक कक्ष की छत का प्लास्टर गिर गया है, वही उस कमरे में पढ़ाई करने फर्श में बैठे विद्यार्थियों की निगाहें अर्श (छत) पर भी लगी रहती हैं कहीं प्लास्टर उनके ऊपर ना गिर जाए। भयभीत बच्चों का मन पढ़ाई में पूरी तरह से नहीं लगता है वहीं विद्यार्थियों को विद्या अध्ययन करा रही शिक्षिका श्रीमती भानु बघेल गौतम भी क्षतिग्रस्त कमरे व सीपेज को लेकर चिंतित नजर आती हैं।

43 साल पुराना है स्कूल भवन – गांव राघादेहि के शासकीय प्राथमिक शाला भवन का निर्माण वर्ष 1979 हुआ था। उक्त शाला भवन लगभग 43 वर्ष पुराना हो चुका है। वर्तमान में यहां के सभी 4 कमरों की स्थिति ठीक नहीं है लेकिन दो कमरों की स्थिति ज्यादा खराब हो चुकी है। वर्तमान में बीते 5-6 दिनों से हो रही बारिश से छत व दीवारों से सीपेज पर हो रहा है। जिसके चलते फर्श में भी नमी बनी रहती है। स्कूल भवन के बाजू से वर्तमान में नवनिर्मित आंगनबाड़ी भवन के निर्माण कार्य के चलते स्कूल के एक कमरे में आंगनबाड़ी भी संचालित की जा रही है।
बीआरसी, जन शिक्षक को है जानकारी – 43 वर्ष पुराने स्कूल भवन की जर्जरता के विषय में स्कूल के प्रधान पाठक बसंत चौरसिया ने बताया कि प्लास्टर गिरने व बारिश में स्वीकृत की जानकारी जन शिक्षक मुकेश नेमा व अनीता झारिया सहित बीआरसी को दे दी गई है। इसके बाद भी इस मामले में कोई गंभीर नजर नहीं आ रहा है।

पशुओं का रहता है जमावड़ा – स्कूल भवन जब से बना है तब से लेकर आज तक स्कूल के चारों तरफ बाउंड्रीवाल का भी निर्माण नहीं हुआ है जिसके चलते स्कूल परिसर में गांव के पशुपालकों के पशु बकरी, गाय, बैल आदि मवेशियों की धमाचौकड़ी हमेशा बनी रहती है। स्कूल के खेल मैदान व शौचालय के आसपास गंदगी का ढेर लगा रहता है। साथ ही यहां पौधारोपण कार्य भी नहीं किया जा सकता है। बाउंड्रीवॉल विभिन्न स्कूल परिसर में मवेशियों के विचरण करने से विद्यार्थी खेलकूद भी नहीं कर पाते हैं।

बीआरसी, जन शिक्षक को है जानकारी – 43 वर्ष पुराने स्कूल भवन की जर्जरता के विषय में स्कूल के प्रधान पाठक बसंत चौरसिया ने बताया कि प्लास्टर गिरने व बारिश में स्वीकृत की जानकारी जन शिक्षक मुकेश नेमा व अनीता झारिया सहित बीआरसी को दे दी गई है। इसके बाद भी इस मामले में कोई गंभीर नजर नहीं आ रहा है।

पशुओं का रहता है जमावड़ा – स्कूल भवन जब से बना है तब से लेकर आज तक स्कूल के चारों तरफ बाउंड्रीवाल का भी निर्माण नहीं हुआ है जिसके चलते स्कूल परिसर में गांव के पशुपालकों के पशु बकरी, गाय, बैल आदि मवेशियों की धमाचौकड़ी हमेशा बनी रहती है। स्कूल के खेल मैदान व शौचालय के आसपास गंदगी का ढेर लगा रहता है। साथ ही यहां पौधारोपण कार्य भी नहीं किया जा सकता है। बाउंड्रीवॉल विभिन्न स्कूल परिसर में मवेशियों के विचरण करने से विद्यार्थी खेलकूद भी नहीं कर पाते हैं।

Sort:  

Mene aapki 7 days ki sari post par vote kar diya h...plz aap bhi karde...