बुराई जीवन मे आए उससे पहले उसे मिट्टी मे मिला दो,,,,व्रहमचारी मनोज भैया।

in #abdullaganj2 years ago

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ओबैदुल्लागंज ,,, अपने आप को दुष प्रवृत्तियों से बचाना और सत कार्यों में लगाना संयम जीवन का उज्जवल पक्ष है जो बाहर से नहीं बांधा जा सकता अंदर से संयम का विकास संभव है ।
ओर सत्संग इसका मुख्य कारण है यदि परिवारों को बिखरने से बचाना है देश को रक्त क्रांति से बचाना है तो संयम का वातावरण तैयार करना होगा।
उक्त बात नगर में दसलक्षण पर्व के दौरान चार्यशीरोमनी आचार्य विशुद्धसागर महाराज के परम शिष्य ब्रह्मचारी मनोज भैया सोनीपत ने संयम धर्म के बारे मे समझाते हुए कहीं ।
साथ ही कहा जीवन में अच्छे लोगों की तलाश मत करो खुद अच्छे बनो आपसे मिलकर शायद किसी की तलाश पूरी हो जाए।
बुराइयां जीवन में आए उससे पहले उन्हें मिट्टी में मिला दो अन्यथा वे आपको मिट्टी में मिला देगी ।
बेशक केले खाने से हड्डी मजबूत होती हैं लेकिन इसके छिलके पर पैर पड़ जाने से जब फिसलते है तो बही मजबूत हड्डी टूट जाती हैं ।
इसलिए हमें सदैव संयम में रहना चाहिए।जो नदी दोनों तरफ बंधन के कारण संयम में बहती है तो सीधे समुद्र में जाति है और लोगो को लाभ भी पहुचाती है लेकिन जब बही नदी अपना संयम तोड़कर बाहर निकलती है तो तबाही करती है।
इस लिए है भव्य आत्मा कभी भी जीवन मे संयम मत तोड़ना।
सुबह के समय भगवान की शन्तिधारा करने का शौभाग्य पंडित लक्ष्मीचंद मुकेश जैन परिवार एवं दूसरी तरफ से करने का शौभाग्य नरेश जैन आकाश जैन परिवार को मिला।
साथ ही इस पर्व के दौरान आज डाक्टर मन्केश पारुल जैन,एवं तरुण इंद्रा जैन के द्वारा सुगन्ध दशमी विधान का उद्यापन किया गया जिसकी समस्त धार्मिक क्रियाए पंडित लक्ष्मीचंद जैन ने सम्पन्न कराई ।
तो दोपहर के समय व्रहमचारी मनोज भैया के द्वारा सुगन्ध दशमी कथा का बाचन कर उसके बारे में विस्तार से समझाया।
रात के समय संगीतमयी आरती का आयोजन किया गया यह आरती अनिल जैन,अतुल जैन,सलोनी रुचि के द्वारा कराई गई।