आधार का मास्टरमाइंड शिकंजे में
कानपुर में एस टी एफ के शिकंजे में फंसा फर्जी आधार कार्ड का मास्टरमाइंड
- झारखंड के युवक से खरीदी वेबसाइट और साफ्टवेयर बिहार के बेतिया ,मधुबनी मुजफ्फरनगर, चंपारण , लखनऊ नोएडा और उन्नाव समेत अनेक शहरों में बेचकर कमाए लाखों
कानपुर | यहां एसटीएफ ने एक ऐसे गिरोह का खुलासा करने में सफलता प्राप्त की है जो फर्जी आधार कार्ड बनाने में माहिर था | उसने इसकी वेबसाइट और सॉफ्टवेयर बेच कर भी लाखों कमाए। इसी बीच मुखबिर की सटीक सूचना पर एस टी एफ ने उसे बर्रा इलाके से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त कर ली |
पुलिस के मुताबिक पकड़ गया मास्टरमाइंड मूलरूप से कानपुर देहात में अकबरपुर के गौरीपुर का रहने वाला है।
छापे के दौरान एसटीएफ ने उसके आफिस से कई फर्जी आधार कार्ड, जीपीएस डिवाइस, थंब स्कैनर, विभिन्न लोगों के सर्टिफिकेट, निर्वाचन कार्ड, इलेक्ट्रानिक मीडिया का प्रेस कार्ड, लाइव कैमरा, प्रिंटर, रेटिना स्कैनर, तीन रजिस्टर, आठ मोहर आदि दस्तावेज बरामद किए।
मामले में एसटीएफ के एसआइ ने अनिल के खिलाफ बर्रा थाने में धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करना, षडयंत्र, आइटी एक्ट, आधार अधिनियम आदि धारा में मुकदमा दर्ज कराया है।
एसटीएफ सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार अनिल ने पूछताछ में बताया कि उसने भी फर्जी आधार कार्ड बनाने व संशोधन करने वाली वेबसाइट और साफ्टवेयर को बिहार के बेतिया जिला के कमलनाथ नगर निवासी हिमांशू राज पांडेय, किशनगंज के बैगना निवासी गुरफान जावेद, मधुबनी कैंट के चानन निवासी गुलाब पासवान, चंपारन के मटरिया निवासी सोनू कुमार, मुजफ्फरपुर निवासी आनंद कुमार मोहन, लखनऊ के सत्यप्रकाश सिसोदिया, नोएडा के राहुल कुमार, उन्नाव के नरेंद्र कुमार उन्नाव, बस्ती के बाबूराम यादव समेत 15 से ज्यादा लोगों को अलग-अलग जिलों में 20 से 30 हजार रुपये में बेच चुका है। अब पुलिस उसके फरार साथियों की भी तलाश कर रही है |