सरकारी स्कूल का हाल : बच्चों के शिक्षा का मंदिर बना तबेला......

in #india2 years ago

MOTIHARI : मोतिहारी में शिक्षा विभाग के बेहतर व्यवस्था का पोल खोल रहा है अरेराज प्रखंड के राजकीय मध्य विद्यालय बड़हरवा ।स्कूल की स्थिति देखने से यह लगता है कि शिक्षा का मंदिर कम पशुओं का तबेला ज्यादा है। स्कूल के अर्द्धनिर्मित भवन में 5 पशु तो क्लास रूम के बरामदा में दो पशु बांधे हमेशा मिलेंगे। लेकिन क्या मजाल कि कोई भी इन पशुओं को स्कूल के बाहर निकालने की जुर्रत कर सके।

थाने के रिटायर मुंशी का चलता है राज

आखिर पशु बंधे रहेंगे भी तो क्यो नही।मलाही थाना के रिटायर्ड मुंशी के हनक के सामने शिक्षक भी डर जाते है। मुंशी जी के देखा देखी दो तीन और लोग भी स्कूल भवन को ही पशु का तबेला बना दिए है .स्कूल भवन में पशु तबेला होने के कारण गंदगी का अंबार लगा रहता है। वहीं दूसरी तरफ शिक्षा विभाग व एचएम की लापरवाही से राशि उठाव के दस वर्ष बाद भी भवन निर्माण कार्य पूरा नही होने से स्कूली बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है ।

इस विद्यालय की खास बात यह है कि यहां बच्चों के पढ़ने के जगह पर पशु बंधा जाता है ।पशु तबेला के कारण गंदगी के बीच ही बच्चों को शिक्षा लेना मजबूरी है ।विभागीय सूत्रों की माने तो राजकीय मध्य विद्यालय बड़हरवा में दो विद्यालय चलते ह ।एनपीएस मलाही मठ टोला इसी विद्यालय में टैग है। दोनों विद्यालय मिलकर 207 नामांकित बच्चे है।दोनों विद्यालय में 8 शिक्षक भी है।लेकिन पशु तबेला के बीच शिक्षा व्यवस्था का अंदाजा आप खुद लगा सकते है। कुछ लोग कहते है कि शिक्षकों के सहमति से ही स्कूल पशुओ का तबेला बना हुआ है ।

एचएम को है मुंशी का डर

राजकीय मध्य विद्यालय बड़हरवा के एचएम मनोज कुमार ने बताया कि मलाही थाना के रिटायर्ड मुंशी द्वारा पुलिस का भय दिखाकर जबरन स्कूल में मवेशी बंधा जाता है ।वही उनके देखा देखी आजपास के दो लोग भी स्कूल भवन में मवेशी बांधते है ।डर के चलते उनलोगों का विरोध नही करते है ।वही दस वर्षो से राशि उठाव के बाद भी भवन निर्माण अधूरा रहने के मामले में एचएम ने बताया कि 75 प्रतिशत राशि का उठाव हो गया है ।बाकी कार्य पैसा के अभाव में अधूरा पड़ा हुआ है ।

कभी नहीं आते शिक्षा विभाग के अधिकारी

आखिर सवाल उठता है कि क्या कभी वरीय अधिकारी स्कूल का निरीक्षण नही करते। अगर स्कूल का निरीक्षण करते तो स्कूल का भवन दस वर्षों से न अधूरा रहता, न ही स्कूल पशुओ का तबेला बना होता।