आज करवा चौथ पर सुबह से तैयारियां चल रही हैं।

in #wortheum2 years ago

आज करवा चौथ पर सुबह से तैयारियां चल रही हैं।

गुरुवार,13 अक्तूबर को सुहागिनों का सबसे बड़ा व्रत करवा चौथ है। हिंदू धर्म में करवा चौथ का विशेष महत्व होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। करवा चौथ पर निर्जला व्रत और चंद्रमा के दर्शन कर अर्ध्य देने का खास महत्व होता है। इस बार करवा चौथ बहुत ही शुभ है।

पहली बार करवा चौथ करने वाली सुगाहिन महिलाएं करें यह काम।
सोलह श्रृंगार- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पति की लंबी आयु और सुखी जीवन की कामना के लिए महिलाएं करवा चौथ का व्रत रखती हैं। जिन महिलाओं का विवाह के बाद पहला करवा चौथ व्रत है ,वे श्रृंगार में सुहाग से संबंधित सारी चीजों का इस्तेमाल करें। 16 श्रृंगार से करवा माता प्रसन्न होती है और अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।

लाल रंग के कपड़े- करवा चौथ पर सुहागिन महिलाएं लाल और गुलाबी रंग के ही कपड़े पहनें। भूलकर भी सफेद और काले रंग के कपड़े नहीं पहनना चाहिए।

व्रत का पारण- करवा पूजा, चंद्र दर्शन और अर्घ्य देने के बाद अपने पति के हाथों से पानी पीकर ही व्रत का पारण करना चाहिए। रात में सिर्फ सादा और शाकाहारी भोजन करना चाहिए।

करवा चौथ पर चांद और पति को छलनी से क्यों देखा जाता है?
पौराणिक कथा के अनुसार भगवान गणेश के सिर को भगवान शिव ने काटा था और फिर हाथी के बच्चे का सिर लगाकर उन्हें दोबारा से जीवित किया था। सभी देवी-देवता भगवान गणेश के इस रूप को देखकर उनकी पूजा-आराधना की थी लेकिन चंद्रदेव को अपनी सुंदरता पर बड़ा घमंड था और गणेश जी के स्वरूप को देखकर उनका परिहास किया था। तब गणेश जी ने चंद्रदेव को छय रोग का श्राप दिया था और चतु्र्थी तिथि पर चंद्रमा को देखने पर दोष लगेगा। इस कारण से चांद को को सीधे नहीं देखा जाता है बल्कि छलनी का प्रयोग करके चांद के दर्शन किया जाता है।