Rajasthan: 33 साल से कांग्रेस हार रही आसींद सीट, बीजेपी फिर मजबूत लेकिन इस दांव से पलट सकती है बाजी

in #elections11 months ago (edited)

Asind Bhilwara Vidhansabha Seat: आसींद हुरड़ा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा से 10 से 12 उम्मीदवारों द्वारा दावेदारी जताई जा रही है, वहीं कांग्रेस पार्टी से 8 से 9 उम्मीदवारों द्वारा दावेदारी की जा रही है.

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Asind Bhilwara Vidhansabha Seat: आसींद हुरड़ा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के जीतने की प्रबल संभावनाएं दिखाई दे रही है. आसींद हुरड़ा विधानसभा क्षेत्र में भाजपा से 10 से 12 उम्मीदवारों द्वारा दावेदारी जताई जा रही है, वहीं कांग्रेस पार्टी से 8 से 9 उम्मीदवारों द्वारा दावेदारी की जा रही है. जबकि आरएलपी से चुनाव लडे मनसुख गुर्जर भी चुनावी मैदान में ताल ठोक सकते हैं. जिन्होंने पिछले विधानसभा में बड़ी तादात में गुर्जर और जाट समाज के वोट लिए थे.

कौन हो सकता है भाजपा से उम्मीदवार
वहीं दोनों प्रमुख पार्टियों में उम्मीदवारों में से बागी निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में खड़े होने से इनकार नहीं किया जा सकता. भारतीय जनता पार्टी के वर्तमान विधायक जब्बर सिंह साँखला भी टिकट मांग रहे है, युवा वर्ग में शक्ति सिंह कालियास या धनराज गुर्जर को टिकट दिया जाता है, तो भाजपा के जीतने की संभावनाएं अधिक रहेगी. महिला के चेहरे में बदनोर प्रधान ऐश्वर्या रावत भी टिकट की दौड़ में है. शक्ति सिंह कालियास को यदि भाजपा से टिकट मिलता है तो युवा वर्ग साथ होने के साथ-साथ आसींद क्षेत्र की 35 से अधिक ग्राम पंचायत द्वारा सहयोग की आशा है. वहीं भाजपा के फिक्स वोट भी शक्ति सिंह कालियास के खाते में जाते हैं. ऐसे में जितने की उम्मीद ज्यादा लगाई जा सकती है. भाजपा से धनराज गुर्जर भी मजबूत दावेदारों में से एक दावेदार माने जा रहे है. क्योंकि आसींद हुरडा गुर्जर और जाट का बाहुल्य क्षेत्र है. आसींद विधानसभा क्षेत्र में लगभग 70 हजार वोटर गुर्जर और जाट जाती के है जो सीधा-सीधा जाति समीकरण पर निर्धारित होते है. ऐसे में भाजपा के कट्टर वोट अन्य क्षेत्रों से भी मिले तो जीतने की प्रबल संभावना है.

कौन हो सकता है कांग्रेस से उम्मीदवार
कांग्रेस पार्टी के लिए चुनौती कम हो सकती है जब अन्य किसी प्रभावशाली गुर्जर जाति को कांग्रेस से टिकट मिले, लेकिन टिकट मांगने वालों की कतार में प्रमुख तौर पर हगामी लाल मेवाड़ा है, जो निर्दलीय के रूप में पूर्व विधायक रह चुके हैं, जो अपनी दावेदारी जता रहे हैं, जबकि कांग्रेस का 1990 के उपरांत एक भी चुनाव नहीं जीत सकी है, 1990 में कांग्रेस से लक्ष्मी लाल गुर्जर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के वीपी सिंह बदनोर (राज्यपाल पंजाब) को हराया था. इसके बाद 33 वर्षों से अब तक कांग्रेस का कोई विधायक आसींद हुरडा विधानसभा क्षेत्र से नहीं जीत पाया है. जहां तक आसींद हुरड़ा विधानसभा क्षेत्र से युवा फ्रेशर का सवाल है तो,

कांग्रेस में युवा वर्ग से मनीष मेवाड़ा जो गत चुनाव 154 वोटो से हार चुके हैं वही गुलाबपुरा नगर पालिका अध्यक्ष सुमित काल्या युवा वर्ग में फ्रेशर है व आसींद क्षेत्र के निवासी होने के कारण टक्कर देने की प्रबल संभावनाएं नजर आ रही है,वहीं भाजपा से शक्ति सिंह कालियास युवा फ्रेशर के रूप में दिखाई दे रहे हैं,जो आसींद क्षेत्र के निवासी है जिन्हें आसींद क्षेत्र की 35 पंचायत द्वारा समर्थन दिया जाएगा, व धनराज गुर्जर (पूर्व पालिका चेयरमैन गुलाबपुरा) युवा वर्ग से फ्रेशर के रूप में दिखाई पड़ रहे हैं. धनराज गुर्जर को आसींद क्षेत्र के सर्वाधिक गुर्जर मतदाताओं का लाभ मिलने की पूरी संभावना है,वहीं भाजपा के फिक्स वोट मिलने की भी प्रबल संभावनाएं नजर आ रही है.